विज्ञापन
This Article is From Jan 18, 2018

26/11 आतंकी हमले से रक्तरंजित नरीमन हाउस का सच

नरीमन हाउस में घुसने के पहले दोनों पास के ही भारत पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप पर 7 किलो का बम रख गए थे. उधर नरीमन हाउस में गोली चलनी शुरू हुई और इधर पेट्रोल पंप पर रखा बम फटा.

26/11 आतंकी हमले से रक्तरंजित नरीमन हाउस का सच
मुंबई: मुंबई के कोलाबा में यहूदी प्रार्थना घर नरीमन हाउस जिसे अब खबाड हाउस के नाम से जाना जाता है. मुम्बई में हुए 26/11 आतंकी हमले के निशान आज भी उसमे जस के तस सहेज कर रखे गए हैं. भारत दौरे पर आए इजराइल के प्रधामनंत्री बेंजमैन नेत्यानाहू भी वहां जाने वाले हैं. 26 नवंबर 2008 का दिन हमेशा की तरहं ही बीता था और शाम भी रोज की तरहं ही बीत रही थी लेकिन रात होते ही जो हुआ उसकी शायद किसी ने कल्पना नहीं की होगी. बधवार पार्क में डेंगी से उतरे 10 पाकिस्तानी आतंकियों में से अबु आकाश उर्फ बाबर इमरान और नासिर उर्फ उमेर वहां से पैदल चलकर रात 9 बजकर 50 मिनट पर नरीमन हाउस पहुंचे.

नरीमन हाउस में घुसने के पहले दोनों पास के ही भारत पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप पर 7 किलो का बम रख गए थे. उधर नरीमन हाउस में गोली चलनी शुरू हुई और इधर पेट्रोल पंप पर रखा बम फटा. चारो तरफ अफरातफरी फैल गई. नरीमन हाउस के ऊपरी मंजिल पर नन्हे बालक मोसे को सुलाकर उसके माता - पिता अपने बेडरूम में सोने की तैयारी कर रहे थे. गोलियों की आवाज सुन वो बाहर निकले और आतंकियों की गोली के शिकार हो गए. नीचे पहली मंजिल पर बालक मोसे की नैनी यानी आया सैंड्रा और काज़ी ज़ाकिर हुसैन गोलियों की आवाज सुन स्टोर रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर कमरे में रखे एक बड़े फ्रीज के पीछे छुपकर बैठ गए.

यह भी पढ़ें : पीएम मोदी से मिलने इजरायल से आया ये बच्चा, जानिए क्या हुआ था 26/11 की रात को इसके साथ

अब तक चारो तरफ आतंकी हमले का शोर मच चुका था. नरीमन हाउस के बाहर राह चलता एक शख्स भी आतंकियों की गोली का शिकार हो चुका था. 26/ 11 आतंकी हमले के जांच अधिकारी रमेश महाले के मुताबिक नरीमन हाउस आतंकी हमले के कई अनकहे सच पुलिस की फाइल में दर्ज हैं उनमें से एक पास की ही इमारत फरीदून कोर्ट में रहने वाले दंपत्ति की मौत. पत्नी मेहजबीन उर्फ मारिया सलीम हरहरवाला और पति सलीम अली हुसैन हरहर वाला दोनों ने सोचा कि नरीमन हाउस के बिल्कुल पास की इमारत में गोली उनके पास तक पहुँच सकती है इसलिए वो थोड़ी दूर स्थित कोलाबा कोर्ट नाम की इमारत में गए और गैलरी से नरीमन हाउस में क्या चल रहा है देखने लगे तभी आतंकियों की उनपर नजर पड़ गई और अपने साथ लाए एके-47 से दोनो को भून डाला. ईधर पहली मंजिल पर स्टोर रूम में छुपे सैंड्रा और काज़ी की सांस अटकी पड़ी थी कि क्योंकि बाहर आतंकी उनके कमरे के दरवाजे को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे लेकिन कुछ देर की कोशिश के बाद वो उस कमरे को छोड़ ऊपर बढ़ गए. दोनों ने चैन की सांस ली लेकिन बाहर निकलने की हिम्मत नही जुटा पाए क्योंकि गोलियों की आवाज लगातार गूंज रही थी.

रात 10 बजे से सुबह 10 बजे तक बिना आवाज किए छुपे बैठे दोनों बड़ी हिम्मत कर बाहर निकले. दोनों दबे पांव नीचे उतर ही रहे थे कि दूसरी मंजिल पर एक बालक के रोने की आवाज आ रही थी. दोनो चाहते तो उसे रोता छोड़ अपनी जान बचाकर भाग सकते थे लेकिन वो अपनी जान हथेली पर लेकर सीढ़ियों से दूसरी मंजिल पर पहुँचे वहां नन्हा मोसे रो रहा था. सैंड्रा ने तुरंत आगे बढ़कर मोसे को गोद मे उठाया औऱ बिना कोई समय गवाएं उल्टे पांव बाहर भागे. नरीमन हाउस पर हुए आतंकी हमले में मारे जाने वालों में अक्सर सिर्फ मोसे के पिता रब्बी होजबर्ग और माता रिबका होजबर्ग की चर्चा होती है लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि उस रात नरीमन हाउस में 3 और इजरायली मेहमान ठहरे थे. आतंकियों ने उन्हें भी मौत के घाट उतार दिया था.

VIDEO : 26/11 हमले के बाद पहली बार भारत आया बेबी मोशे​


मुख्य जांच अधिकारी रमेश महाले बताते हैं कि दोनों आतंकी अपने साथ मोबाइल फ़ोन भी लाए थे. लेकिन किसी वजह से उनका मोबाइल फ़ोन काम नही कर रहा था तब उन्होंने अपने मोबाइल फोन का सिम निकालकर रब्बी के फ़ोन में लगाया और पाकिस्तान में अपने आकाओं से निर्देश लेते रहे और 28 नवम्बर की सुबह 8 बजे तक, तब तक संपर्क में रहे जब तक कि एन एस जी कमांडो ने दोनों को मौत के घाट नही उतार दिया. हालांकि उस हमले में एन एस जी के कमांडो गजेंद्र सिंह भी शहीद हो गए थे.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com