मास्क की जरूरत 2022 तक बनी रहेगी, कोविड के खिलाफ दवा की आवश्यकता : नीति आयोग सदस्य

नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने जोर देकर कहा कि लोगों में कोविड का असर रोकने के लिए प्रभावी दवाओं की आवश्यकता है

मास्क की जरूरत 2022 तक बनी रहेगी, कोविड के खिलाफ दवा की आवश्यकता : नीति आयोग सदस्य

नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा है कि लोगों को अगले साल भी मास्क का उपयोग करते रहना होगा.

नई दिल्ली:

भारत के नीति आयोग के एक सदस्य डॉ वीके पॉल के अनुसार, अगले साल भी लोगों को मास्क से छुटकारा नहीं मिलने वाला है क्योंकि कोविड के खिलाफ लड़ाई के लिए टीकों, प्रभावी दवाओं और अनुशासित सामाजिक व्यवहार के एक संयोजन की आवश्यकता है. उम्मीद है कि दुनिया दवाओं को लेकर भी उतनी ही भाग्यशाली होगी जितनी कि टीकों को लेकर है. अनुभवी बाल रोग विशेषज्ञ डॉ वीके पॉल ने महामारी की तीसरी लहर से इंकार नहीं किया. उन्होंने आगाह किया कि देश अब एक जोखिम भरे दौर में प्रवेश कर रहा है, जब खासकर कई सार्वजनिक त्योहारों का सिलसिला चलना है.

डॉ पॉल ने सोमवार को एक विशेष साक्षात्कार में एनडीटीवी से कहा, "मास्क पहनना बंद नहीं होगा... कुछ समय के लिए... हम अगले साल भी मास्क पहनना जारी रखेंगे..."
 
"मेरा विचार है कि यह टीकों, दवाओं और यथोचित अनुशासित व्यवहार का एक संयोजन होगा जो अंततः (हमें देखना होगा)." उन्होंने जोर देकर कहा कि रोग को बढ़ने से रोकने के लिए प्रभावी दवाओं की आवश्यकता है.

भारत में विकसित एंटी-कोविड वैक्सीन कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की मंजूरी की स्थिति का जिक्र करते हुए, नीति आयोग के सदस्य ने विश्वास व्यक्त किया कि वैश्विक निकाय सकारात्मक प्रतिक्रिया के साथ सामने आएगा और वह भी इस महीने के अंत से पहले. .

उन्होंने कहा कि अधिकांश भारतीयों में शायद सबसे अधिक परेशान करने वाला प्रश्न क्या है- क्या COVID-19 की तीसरी लहर होगी? डॉ पॉल ने कहा कि "इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. अगले तीन-चार महीनों की अवधि है, जिसमें वैक्सीनेशन से हर्ड इम्युनिटी की मजबूत दीवार बनने जा रही है. हमें खुद को बचाने और महामारी से बचने की जरूरत है. मेरे लिए यह संभव है यदि हम इस शो में सभी एक साथ हैं."

उन्होंने अगले कुछ महीनों में दिवाली और दशहरा जैसे बड़े त्योहारों को लेकर आगाह किया. उन्होंने कहा कि इस दौरान प्रबंधन अगर अच्छी तरह से नहीं किया् गया, तो संभावित रूप से बीमारी का व्यापक प्रसार हो सकता है. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने ऐसी परिस्थितियों में लोगों पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है, वरिष्ठ डॉक्टर अनिश्चित थे कि भारत में भी यह संभव हो सकेगा.

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डॉ पॉल ने कहा कि "हमारे सामने एक जोखिम भरा समय आ रहा है. ऐसी स्थिति में सैद्धांतिक रूप से वायरस को दूर करने के तरीके हैं. और ऐसे दिशानिर्देश हैं जो क्रमबद्ध तरीके से प्रतिबंधों को लागू करने के लिए उपलब्ध हैं. समय आने पर उन्हें लागू किया जाना चाहिए."  उन्होंने कहा कि "यह प्रशासन और ऊपर के लोगों की ओर से एक समय पर किया जाने वाला हस्तक्षेप है जो किसी भी बड़ी महामारी से बचा सकता है, और करना चाहिए."