जन चेतना में योग का महत्त्व कई गुना बढ़ गया है: हर्षवर्धन

हर्षवर्धन ने कहा, महामारी ने दिखाया है कि स्वास्थ्य ही परम धन है, सभी व्यक्तियों के बीच स्वास्थ्य और चरित्र निर्माण को समानांतर रूप से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए

जन चेतना में योग का महत्त्व कई गुना बढ़ गया है: हर्षवर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि कोविड प्रोटोकॉल के कारण इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के समारोहों को सीमित ढंग से आयोजित किया गया, लेकिन "समग्र स्वास्थ्य" को बढ़ावा देने में अपनी भूमिका के लिए जन चेतना में योग का महत्त्व कई गुना बढ़ गया है. सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कश्मीरी गेट के महाराजा अग्रसेन पार्क में अपने लोकसभा क्षेत्र के लोगों के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए चांदनी चौक के सांसद ने बताया कि क्यों उनके दिल में योग का हमेशा एक विशेष स्थान रहा है.

हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘महामारी ने दिखाया है कि स्वास्थ्य ही परम धन है. सभी व्यक्तियों के बीच स्वास्थ्य और चरित्र निर्माण को समानांतर रूप से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. स्वास्थ्य मंत्री के रूप में अपने पूरे कार्यकाल में, खासकर मैं जब कोविड-19 से निपटने संबंधी कार्य में अधिक व्यस्त था, तो मैंने काम के तनाव को दूर करने के लिए प्राणायाम किया है और कार्यालय के बाद एक घंटा टहलने का काम करता हूं.''

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में हर्षवर्धन के हवाले से कहा गया, "प्राणायाम में सांस को नियंत्रित करने करने की क्षमता ने मुझे मानसिक रूप से आश्वासन भी दिया कि मैं कोविड​​​​-19 से संक्रमित नहीं हूं."

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इसमें कहा गया कि सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का संदेश देश में चल रही कोविड महामारी से जुड़ा हुआ है. योग ने महामारी के दौरान चिंता और अवसाद को रोकने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)