
विजय माल्या (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को शराब कारोबारी विजय माल्या को तीसरा और संभवत: आखिरी समन जारी कर उन्हें नौ अप्रैल को मुंबई में जांच अधिकारियों के समक्ष पेश होने को कहा है। करीब 900 करोड़ रुपये के आईडीबीआई कर्ज धोखाधड़ी मामले में धनशोधन जांच के सिलसिले में ईडी ने माल्या को यह समन भेजा है।
शुक्रवार को माल्या ने एजेंसी के सामने अपना बयान दर्ज कराने के लिए मई तक की मोहलत मांगी थी। उन्होंने कहा था कि वह मुंबई स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में शनिवार यानी दो अप्रैल को पेश नहीं हो पाएंगे।
अब तक मानते रहे पेशी टालने के अनुरोध
सरकारी सूत्रों ने बताया कि ईडी के मुंबई कार्यालय में तैनात जांच अधिकारियों ने शनिवार को यूनाइटेड ब्रेवरीज (यूबी) ग्रुप के प्रमुख को ताजा समन जारी कर उन्हें नौ अप्रैल को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा है। ईडी अधिकारियों ने संकेत दिए कि यह माल्या को भेजा गया आखिरी समन हो सकता है, क्योंकि जांच अधिकारी (आईओ) अब तक तकनीकी और कानूनी आधार पर उनकी पेशी टालने का अनुरोध मानते रहे हैं। उन्होंने बताया कि धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत अमूमन तीन समन भेजे जाते हैं और अगले शनिवार की नई तारीख तक यह पूरा हो जाएगा।
पेश न होने पर रद्द हो सकता है पासपोर्ट
ईडी अधिकारियों ने यह भी कहा कि आईओ ने मई तक की मोहलत देने की माल्या की अर्जी खारिज कर दी थी क्योंकि उनका जांच में हिस्सा लेना अहम है और इसलिए उन्हें सिर्फ अगले शनिवार तक का वक्त दिया गया है। समझा जाता है कि माल्या ने शुक्रवार को आईओ को सूचित किया था कि बैंक कर्ज से जुड़े मामले अभी उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन हैं और अपनी कानूनी एवं कॉरपोरेट टीम की मदद से वह इन कर्जों को चुकाने की कोशिश कर रहे हैं, लिहाजा उन्हें कुछ और वक्त की जरूरत होगी। सूत्रों ने बताया कि यदि माल्या नौ अप्रैल को भी पेश नहीं होते हैं तो प्रवर्तन निदेशालय उनका पासपोर्ट रद्द करने के लिए कानूनी कदम उठा सकता है और किसी अदालत से उनके खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट भी जारी करवा सकता है।
प्रवर्तन निदेशालय ने माल्या को पहली बार भेजे गए समन में 18 मार्च को अपने मुंबई स्थित कार्यालय में व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा था। लेकिन पहले से तय अपने कार्यक्रमों का हवाला देकर माल्या ने और वक्त मांगा था। इसके बाद एजेंसी ने उन्हें दो अप्रैल को पेश होकर अपना बयान दर्ज कराने को कहा था।
सितंबर तक चार हजार करोड़ चुकाने का प्रस्ताव
माल्या और किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड (केएफए) ने 30 मार्च को एक सीलबंद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय को सौंपे गए एक प्रस्ताव में कहा था कि वह कुल 6,903 करोड़ रुपये के कर्ज में से 4,000 करोड़ रुपये का कर्ज इस साल सितंबर तक चुका देंगे। खबरों के मुताबिक, दो मार्च को भारत छोड़कर जाने के बाद वह अभी ब्रिटेन में रह रहे हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
शुक्रवार को माल्या ने एजेंसी के सामने अपना बयान दर्ज कराने के लिए मई तक की मोहलत मांगी थी। उन्होंने कहा था कि वह मुंबई स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में शनिवार यानी दो अप्रैल को पेश नहीं हो पाएंगे।
अब तक मानते रहे पेशी टालने के अनुरोध
सरकारी सूत्रों ने बताया कि ईडी के मुंबई कार्यालय में तैनात जांच अधिकारियों ने शनिवार को यूनाइटेड ब्रेवरीज (यूबी) ग्रुप के प्रमुख को ताजा समन जारी कर उन्हें नौ अप्रैल को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा है। ईडी अधिकारियों ने संकेत दिए कि यह माल्या को भेजा गया आखिरी समन हो सकता है, क्योंकि जांच अधिकारी (आईओ) अब तक तकनीकी और कानूनी आधार पर उनकी पेशी टालने का अनुरोध मानते रहे हैं। उन्होंने बताया कि धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत अमूमन तीन समन भेजे जाते हैं और अगले शनिवार की नई तारीख तक यह पूरा हो जाएगा।
पेश न होने पर रद्द हो सकता है पासपोर्ट
ईडी अधिकारियों ने यह भी कहा कि आईओ ने मई तक की मोहलत देने की माल्या की अर्जी खारिज कर दी थी क्योंकि उनका जांच में हिस्सा लेना अहम है और इसलिए उन्हें सिर्फ अगले शनिवार तक का वक्त दिया गया है। समझा जाता है कि माल्या ने शुक्रवार को आईओ को सूचित किया था कि बैंक कर्ज से जुड़े मामले अभी उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन हैं और अपनी कानूनी एवं कॉरपोरेट टीम की मदद से वह इन कर्जों को चुकाने की कोशिश कर रहे हैं, लिहाजा उन्हें कुछ और वक्त की जरूरत होगी। सूत्रों ने बताया कि यदि माल्या नौ अप्रैल को भी पेश नहीं होते हैं तो प्रवर्तन निदेशालय उनका पासपोर्ट रद्द करने के लिए कानूनी कदम उठा सकता है और किसी अदालत से उनके खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट भी जारी करवा सकता है।
प्रवर्तन निदेशालय ने माल्या को पहली बार भेजे गए समन में 18 मार्च को अपने मुंबई स्थित कार्यालय में व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा था। लेकिन पहले से तय अपने कार्यक्रमों का हवाला देकर माल्या ने और वक्त मांगा था। इसके बाद एजेंसी ने उन्हें दो अप्रैल को पेश होकर अपना बयान दर्ज कराने को कहा था।
सितंबर तक चार हजार करोड़ चुकाने का प्रस्ताव
माल्या और किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड (केएफए) ने 30 मार्च को एक सीलबंद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय को सौंपे गए एक प्रस्ताव में कहा था कि वह कुल 6,903 करोड़ रुपये के कर्ज में से 4,000 करोड़ रुपये का कर्ज इस साल सितंबर तक चुका देंगे। खबरों के मुताबिक, दो मार्च को भारत छोड़कर जाने के बाद वह अभी ब्रिटेन में रह रहे हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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