रायपुर:
सुकमा के जिलाधिकारी एलेक्स पॉल मेनन गुरुवार को नक्सलियों के चंगुल से आजाद हो गए। वह 12 दिन तक उनकी कैद में रहे।
समाचार चैनल 'साधना न्यूज' के वीडियो में मेनन को नक्सलियों की कैद से बाहर आते दिखाया गया। उनके साथ नक्सलियों के मध्यस्थ भी थे।
नक्सलियों ने 31 वर्षीय मेनन को अपने मध्यस्थों- प्रोफेसर जी. हरगोपाल और बी. डी. शर्मा को सौंपा। उन्हें 21 अप्रैल को नक्सलियों ने बस्तर क्षेत्र से अगवा किया था।
तमिलनाडु में तिरूनेलवेली के रहने वाले मेनन के पिता ए. वर्धास ने बेटे को मुक्त कराने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार, मध्यस्थों और नक्सलियों का आभार व्यक्त किया है। संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने नक्सलियों से अनुरोध किया कि वे फिर अपहरण जैसा कदम न उठाएं।
मेनन के नक्सलियों की कैद से छूटने की खबरें पहले ही मिल गई थी, जिसके बाद उनके आवास पर उत्सव का माहौल था। उनके दोस्तों ने घर पर आतिशबाजी की।
(इनपुट आईएएनएस से भी)
समाचार चैनल 'साधना न्यूज' के वीडियो में मेनन को नक्सलियों की कैद से बाहर आते दिखाया गया। उनके साथ नक्सलियों के मध्यस्थ भी थे।
नक्सलियों ने 31 वर्षीय मेनन को अपने मध्यस्थों- प्रोफेसर जी. हरगोपाल और बी. डी. शर्मा को सौंपा। उन्हें 21 अप्रैल को नक्सलियों ने बस्तर क्षेत्र से अगवा किया था।
तमिलनाडु में तिरूनेलवेली के रहने वाले मेनन के पिता ए. वर्धास ने बेटे को मुक्त कराने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार, मध्यस्थों और नक्सलियों का आभार व्यक्त किया है। संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने नक्सलियों से अनुरोध किया कि वे फिर अपहरण जैसा कदम न उठाएं।
मेनन के नक्सलियों की कैद से छूटने की खबरें पहले ही मिल गई थी, जिसके बाद उनके आवास पर उत्सव का माहौल था। उनके दोस्तों ने घर पर आतिशबाजी की।
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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