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This Article is From Apr 28, 2012

अपहृत डीएम मामला : सशस्त्र नक्सलियों ने की मध्यस्थों की अगवानी

रायपुर: सुकमा जिले के अपहृत जिलाधिकारी एलेक्स पाल मेनन को सुरक्षित मुक्त कराने के लिए सरकार का जवाब लेकर शनिवार दोपहर को बस्तर के जंगलों में पहुंचे मध्यस्थों की सशस्त्र नक्सलियों ने अगवानी की। मध्यस्थ नक्सलियों से मिलकर उनकी मांगों के प्रति राज्य सरकार के जवाब से उन्हें अवगत कराएंगे। इसके बाद से जिलाधिकारी की रिहाई की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

नक्सलियों द्वारा नियुक्त मध्यस्थ हैदराबाद के प्रोफेसर जी. हरगोपाल एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी बीडी शर्मा सरकारी हेलीकॉप्टर से सुबह बस्तर के लिए रवाना हुए थे।

स्थानीय टीवी चैनलों पर प्रसारित वीडियो में हरगोपाल एवं शर्मा को मोटरसाइकिल के पीछे बैठकर चिंतलनार से टारमेटला तक कई किलोमीटर की यात्रा करते दिखाया गया, जहां उन्होंने कैमरे के सामने सशस्त्र नक्सलियों से हाथ मिलाया।

मोटरसाइकिल पर वार्ताकारों को छोड़ने के लिए उनके साथ स्थानीय टीवी चैनल के दो पत्रकार भी गए थे।

सरकार के उच्च अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों के ठिकाने से दोनों मध्यस्थों के शनिवार देर शाम या फिर रविवार को वापस लौटने की उम्मीद है।

दोनों वार्ताकारों ने शनिवार सुबह रवाना होने से पहले गुरुवार एवं शुक्रवार को राज्य सरकार के मध्यस्थों मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच और राज्य के पूर्व मुख्य सचिव एसके मिश्रा के साथ तीन दौर की वार्ता की थी।

पुलिस मुख्यालय पर तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलियों के मध्यस्थों को उनकी दोनों मांगों 17 कैदियों की रिहाई एवं नक्सल विरोधी ऑपरेशन ग्रीन हंट को रोकने के सम्बंध में स्पष्ट संदेश दे दिया है। हमें एक दो दिनों में नक्सलियों की तरफ से सकारात्मक पहल होने की पूरी उम्मीद है।"

मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शनिवार को कहा, "अब अपहृत जिला अधिकारी एलेक्स पॉल मेनन को सुरक्षित एवं जल्द मुक्त कराना हमारी उच्च प्राथमिकता है। मैं नक्सलियों के चंगुल से जिलाधिकारी को मुक्त कराने के पूरी कोशिश करुं गा। "

नक्सलियों ने 2006 बैच के आईएएस अधिकारी मेनन को गत शनिवार को अगवा कर लिया था।

नक्सलियों ने मेनन के अपहरण को न्यायोचित ठहराने वाले संदेश में शुक्रवार को कहा था कि राज्य सरकार जिलाधिकारी की मुक्ति चाहती है तो उनकी मांगों के संदर्भ अपना रुख स्पष्ट करे।

नक्सलियों के नेता गणेश उइक ने ईमेल द्वारा भेजे गए संदेश में कहा कि जिलाधिकारी भी उस व्यवस्था के हिस्सा है जिसने अध्यापिका सोनी सोरी सहित कई बेगुनाहों को प्रताड़ित किया है। सोनी नक्सलियों के लिए काम करने के आरोप में पिछले वर्ष अक्टूबर से जेल में हैं।

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