उप राज्यपाल नजीब जंग और अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली:
केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच विवादित मामलों की प्रतिदिन सुनवाई का सिलसिला दिल्ली हाईकोर्ट में शुरू हो गया है। दिल्ली सरकार ने गुरुवार को हाईकोर्ट में कहा कि नियमों के मुताबिक सरकार उप राज्यपाल की बात मानने के लिए बाध्य नहीं है। दिल्ली सरकार में मंत्रिमंडल कोई निर्णय लेता है तो उस पर उप राज्यपाल की इजाजत जरूरी नहीं, सिर्फ जानकारी देना ही जरूरी है।
दिल्ली सरकार ने कहा कि उप राज्यपाल कोई भी घोषणा करने से पहले चीफ सेक्रेट्री या मुख्यमंत्री को सूचना देंगे। पुलिस, जमीन और कानून व्यवस्था दिल्ली सरकार के पास नहीं है, फिर भी उप राज्यपाल को कोई निर्णय करते वक्त मुख्यमंत्री से सलाह लेनी होगी। सोमवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।
दरअसल केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच रस्साकसी के मामले में बुधवार को दिल्ली हाइकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई न करने के आदेश दिए थे। अब हाइकोर्ट ने सारे मामलों की रोजाना सुनवाई शुरू की है। कोर्ट में केंद्र और दिल्ली सरकार के अधिकार, सीएनजी फिटनेस, एंटी करप्शन ब्यूरो के पावर नोटिफिकेशन विवाद, सीएनजी कमीशन, मीणा की नियुक्ति और सर्किल रेट संबंधी सात मामलों की एक साथ सुनवाई हो रही है।
दिल्ली सरकार ने कहा कि उप राज्यपाल कोई भी घोषणा करने से पहले चीफ सेक्रेट्री या मुख्यमंत्री को सूचना देंगे। पुलिस, जमीन और कानून व्यवस्था दिल्ली सरकार के पास नहीं है, फिर भी उप राज्यपाल को कोई निर्णय करते वक्त मुख्यमंत्री से सलाह लेनी होगी। सोमवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।
दरअसल केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच रस्साकसी के मामले में बुधवार को दिल्ली हाइकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई न करने के आदेश दिए थे। अब हाइकोर्ट ने सारे मामलों की रोजाना सुनवाई शुरू की है। कोर्ट में केंद्र और दिल्ली सरकार के अधिकार, सीएनजी फिटनेस, एंटी करप्शन ब्यूरो के पावर नोटिफिकेशन विवाद, सीएनजी कमीशन, मीणा की नियुक्ति और सर्किल रेट संबंधी सात मामलों की एक साथ सुनवाई हो रही है।
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