सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजापति के फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे विशेष सीबीआई न्यायाधीश का बुधवार को तबादला कर दिया गया, जिसके बाद अदालत ने आरोप मुक्त करने की भाजपा नेता अमित शाह की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश जेटी उत्पत का तबादला पुणे हो गया। इसके बाद अदालत ने 2 जुलाई तक सुनवाई स्थगित कर दी।
संयोगवश, पिछले हफ्ते न्यायाधीश ने शाह के वकील को फटकार लगाई थी कि उसने कोई कारण बताए बिना छूट आवेदन दाखिल किया है।
न्यायाधीश उत्पत ने कहा था, 'हर बार बिना कोई कारण बताए आप यह छूट आवेदन देते हैं।' अदालत ने 9 मई को शाह और मामले के अन्य आरोपियों को सम्मन जारी किया था।
सीबीआई ने पिछले साल सितंबर में शाह और कई पुलिस अधिकारियों समेत 18 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए थे।
सीबीआई के अनुसार गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी का उस वक्त अपहरण कर लिया था जब वे हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहे थे। नवंबर 2005 में गांधीनगर के निकट उनकी कथित फर्जी मुठभेड़ में हत्या कर दी गई।यह दावा किया गया कि शेख के पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंध थे।
पुलिस ने दिसंबर 2006 में मुठभेड़ के चश्मदीद गवाह तुलसीराम प्रजापति की कथित हत्या गुजरात के बनासकांठा जिले के चपरी गांव में कर दी।शाह तब गुजरात के गृह राज्यमंत्री थे और कथित रूप से दोनों घटनाओं की साजिश में संलिप्त थे।
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