दिल्ली (Delhi) में कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ी जंग की शुक्रवार से शुरुआत हुई. कोरोना (Coronavirus) के मरीजों की पहचान के लिए इस सर्वे में स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर (Door to Door survey) पहुंचेंगी. पिछले हफ्ते केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर यह निर्णय लिया था.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बैठक में इस पर मुहर लगा थी.
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कोरोना की रोकथाम के लिए होने वाला यह दिल्ली का अब तक का सबसे बड़ा सर्वे है. सर्वे में 13-14 लाख घरों में दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य विभाग की टीमें जाएंगी. दिल्ली के 11 जिलों में करीब 57 लाख लोगों का यानी चौथाई आबादी का होगा सर्वे किया जाएगा. हर टीम में 2-5 लोग होंगे और इस तरह कुल 9500 टीम होंगी. घनी आबादी और कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों का सर्वे होगा. दरअसल, नीति आयोग मानता है कि दिल्ली में संक्रमण के संदिग्ध लोगों की आइसोलेशन प्रक्रिया एक कमजोर कड़ी है. इसके कारण मामले बढ़ रहे हैं और यहीं पर इन सर्वे टीमों का रोल अहम होगा.
फिलहाल दिल्ली सरकार एक पॉजिटिव (Corona Positive) मामला सामने आने पर उसके संपर्क वाले 16 लोगों की फोन पर कांटेक्ट ट्रेसिंग कर रही है. इस सर्वे टीम को कॉन्टेक्ट्स ट्रेसिंग का काम अब फेस टू फेस करना होगा. जिन घनी आबादी वाले इलाकों में संक्रमण और कांटेक्ट की संख्या ज्यादा है वहां पर रैपिड एंटीजन टेस्ट (Rapid antigen Test) करवाना इन्ही टीमों की ज़िम्मेदारी होगी,
स्वास्थ्य विभागों की टीमों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि रैपिड एंटीजन टेस्ट से जो लक्षण वाले लोग नेगेटिव आए हैं उनका आरटीपीसीआर (RTPCR) टेस्ट भी करवाया जाए.ये टीमें यह भी देखेंगी कि होम आइसोलेशन (Home Isolation) में जो लोग रह रहे हैं क्या वह नियमों का ठीक से पालन कर रहे हैं या नहीं? इसके लिए यह टीमें बाकायदा होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज़ों के घर भी जाएंगी
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