नई दिल्ली:
भारत के पाले में गेंद दोबारा डालते हुए पाकिस्तान ने आज कहा कि वह बिना किसी शर्त के एनएसए स्तरीय वार्ता के लिए तैयार है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दोनों देशों के बीच होने वाली वार्ता पर पाक का रुख स्पष्ट किया... जानिए दस अहम बातें...
-भारत के पाकिस्तान पर लगाए गए आरोप गलत हैं और उसके आरोपों में सच्चाई नहीं है।
-अगर बातचीत नहीं हुई तो दोनों मुल्कों के बीच तनाव और बढ़ जाएगा। बातचीत का मकसद केवल तनाव को घटाना था।
-यह भारत है जिसने शर्त पेश रखी कि हुर्रियत नेताओं के साथ मुलाकात नहीं होनी चाहिए जो पाकिस्तानी समारोह में मेहमानों की सूची नियंत्रित करने जैसा है।
-पाकिस्तान ने उफा में हुई सहमति को ध्यान में रखते हुए सभी लंबित मुद्दों पर वार्ता के तौर तरीकों का पता लगाने सहित तीन सूत्री एजेंडा का प्रस्ताव रखा है।
-मैं पाकिस्तान में भारत के रॉ की गतिविधियों पर तीन डाजियर ले जा रहा हूं।
-पाकिस्तान हुर्रियत नेताओं की गिरफ्तारी पर बहुत विचलित हैं। यह उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
उफा में सहमत एजेंडा से कोई भटकाव नहीं है। भारत यह गलत कह रहा है कि कश्मीर एजेंडा का हिस्सा नहीं है।
-किसी भी पक्ष से यह वार्ता रद्द होने की पुष्टि नहीं हुई है, इसलिए हम बिना किसी पूर्व शर्त के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जाने के लिए तैयार हैं।
-एनएसए स्तर की वार्ता में किसी बड़े नतीजे की उम्मीद नहीं करें, लेकिन यह मुद्दों के समाधान के लिए तंत्र के विकास में मदद करेगी।
-जब से प्रधानमंत्री मोदी सत्ता में आए हैं, वे कश्मीर के बगैर अपनी शर्तों पर वार्ता करना चाहते हैं जो हमारे लिए मुमकिन नहीं है।
-भारत पर पाक का दबाव बनाने का आरोप हास्यास्पद है। पाक का 3 सूत्री एजेंडा उफा के मुताबिक ही है।
-भारत के पाकिस्तान पर लगाए गए आरोप गलत हैं और उसके आरोपों में सच्चाई नहीं है।
-अगर बातचीत नहीं हुई तो दोनों मुल्कों के बीच तनाव और बढ़ जाएगा। बातचीत का मकसद केवल तनाव को घटाना था।
-यह भारत है जिसने शर्त पेश रखी कि हुर्रियत नेताओं के साथ मुलाकात नहीं होनी चाहिए जो पाकिस्तानी समारोह में मेहमानों की सूची नियंत्रित करने जैसा है।
-पाकिस्तान ने उफा में हुई सहमति को ध्यान में रखते हुए सभी लंबित मुद्दों पर वार्ता के तौर तरीकों का पता लगाने सहित तीन सूत्री एजेंडा का प्रस्ताव रखा है।
-मैं पाकिस्तान में भारत के रॉ की गतिविधियों पर तीन डाजियर ले जा रहा हूं।
-पाकिस्तान हुर्रियत नेताओं की गिरफ्तारी पर बहुत विचलित हैं। यह उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
उफा में सहमत एजेंडा से कोई भटकाव नहीं है। भारत यह गलत कह रहा है कि कश्मीर एजेंडा का हिस्सा नहीं है।
-किसी भी पक्ष से यह वार्ता रद्द होने की पुष्टि नहीं हुई है, इसलिए हम बिना किसी पूर्व शर्त के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जाने के लिए तैयार हैं।
-एनएसए स्तर की वार्ता में किसी बड़े नतीजे की उम्मीद नहीं करें, लेकिन यह मुद्दों के समाधान के लिए तंत्र के विकास में मदद करेगी।
-जब से प्रधानमंत्री मोदी सत्ता में आए हैं, वे कश्मीर के बगैर अपनी शर्तों पर वार्ता करना चाहते हैं जो हमारे लिए मुमकिन नहीं है।
-भारत पर पाक का दबाव बनाने का आरोप हास्यास्पद है। पाक का 3 सूत्री एजेंडा उफा के मुताबिक ही है।
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