खुदकुशी करने वाले एक किसान के परिजन विलाप करते हुए
हैदराबाद:
तेलंगाना सरकार ने खुदकुशी करने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजे के तौर पर दी जाने वाली 1.5 लाख रुपये की रकम को बढ़ाकर 6 लाख करने का फैसला किया है। तेलंगाना के विभिन्न जिलों में किसानों की खुदकुशी और कृषि संकट पर कैबिनेट की पांच घंटे तक चली बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया।
उप मुख्यमंत्री के. श्रीहरि ने घोषणा की कि बढ़ा हुआ मुआवजा 'प्रत्याशित' रूप से 19 सितंबर से लागू होगा। इस घोषणा से विवाद पैदा हो सकता है, क्योंकि वैसे किसान जिन्होंने 19 सितंबर से पहले खुदकुशी कर ली थी, उनके परिवारों को सिर्फ 1.5 लाख रुपये का ही मुआवजा मिलेगा।
इसके अलावा आलोचकों का यह भी कहना है कि सरकार बजाय किसानों की मदद करने और उन्हें जान देने से रोकने के, यह उम्मीद कर रही है कि और किसान आत्महत्या करेंगे। कैबिनेट बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री और गृह मंत्री ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, हम हाथ जोड़कर किसानों से अपील करते हैं कि वे हालात का बहादुरी से सामना करें, हम आश्वस्त करते हैं कि सरकार आपके साथ खड़ी रहेगी।
खुदकुशी करने वाले किसानों के परिवारों को पहले जो 1.5 लाख रुपये मिलते थे, उसमें से एक लाख रुपये जीविका चलाने के लिए और 50 हजार रुपये बकाये लोन के एकमुश्त भुगतान के लिए होते थे। अब जीविका के लिए पांच लाख रुपये और बकाये लोन के लिए एक लाख रुपये दिए जाएंगे।
सरकार ने कहा कि जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने पर फैसला 30 सितंबर के बाद लिया जाएगा। एक स्वागत योग्य कदम के तहत सरकार ने यह घोषणा भी कि एक हजार नए कृषि पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। सरकार के मुताबिक पिछले एक साल के दौरान 430 किसानों खुदकुशी के मामले दर्ज किए गए। इनमें से सरकारी मानदंड के आधार पर 141 किसानों के परिवार मुआवजे के हकदार पाए गए। वहीं विपक्षी पार्टियों का कहना है कि पिछले एक साल में कम से कम 1200 किसानों ने खुदकुशी की है।
उप मुख्यमंत्री के. श्रीहरि ने घोषणा की कि बढ़ा हुआ मुआवजा 'प्रत्याशित' रूप से 19 सितंबर से लागू होगा। इस घोषणा से विवाद पैदा हो सकता है, क्योंकि वैसे किसान जिन्होंने 19 सितंबर से पहले खुदकुशी कर ली थी, उनके परिवारों को सिर्फ 1.5 लाख रुपये का ही मुआवजा मिलेगा।
इसके अलावा आलोचकों का यह भी कहना है कि सरकार बजाय किसानों की मदद करने और उन्हें जान देने से रोकने के, यह उम्मीद कर रही है कि और किसान आत्महत्या करेंगे। कैबिनेट बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री और गृह मंत्री ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, हम हाथ जोड़कर किसानों से अपील करते हैं कि वे हालात का बहादुरी से सामना करें, हम आश्वस्त करते हैं कि सरकार आपके साथ खड़ी रहेगी।
खुदकुशी करने वाले किसानों के परिवारों को पहले जो 1.5 लाख रुपये मिलते थे, उसमें से एक लाख रुपये जीविका चलाने के लिए और 50 हजार रुपये बकाये लोन के एकमुश्त भुगतान के लिए होते थे। अब जीविका के लिए पांच लाख रुपये और बकाये लोन के लिए एक लाख रुपये दिए जाएंगे।
सरकार ने कहा कि जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने पर फैसला 30 सितंबर के बाद लिया जाएगा। एक स्वागत योग्य कदम के तहत सरकार ने यह घोषणा भी कि एक हजार नए कृषि पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। सरकार के मुताबिक पिछले एक साल के दौरान 430 किसानों खुदकुशी के मामले दर्ज किए गए। इनमें से सरकारी मानदंड के आधार पर 141 किसानों के परिवार मुआवजे के हकदार पाए गए। वहीं विपक्षी पार्टियों का कहना है कि पिछले एक साल में कम से कम 1200 किसानों ने खुदकुशी की है।
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