कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन का तीसरा चरण जारी है. ऐसे में अभी देशभर में मौजूद प्रवासी मजदूर बेरोजगारी के कारण अपने घरों के ओर लौटने के लिए मजबूर हैं. केंद्र व राज्य सरकारें ने प्रवासी मजदूरों के लिए ट्रेन, बसें इत्यादि उपलब्ध करा कर उनके घर तक पहुंचाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं. बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार पर दो ट्वीट करके निशाना साधा है. उन्होंने वीडियो ट्वीट करके दिखलाया है कि कैसे बसों ने प्रवासी मजदूरों को अपने घरों से कोसों दूर छोड़ कर जाने के लिए कह दिया.
अपने पहले ट्वीट में वीडियो शेयर करते हुए तेजस्वी यादव ने लिखा, ''हजारों किलोमीटर लाखों मुसीबत झेल, भाड़ा दे, भूखे मर बिहार पहुंचों. फिर स्टेशन से बस क्वारंटाइन सेंटर पहुंचाने की बजाय देर रात मज़दूरों को बीच रास्ते सड़कों पर छोड़ देती है. अधिकारी कहते है अब पैदल घर जाओ. ऐसा प्रतीत होता है बिहार सरकार का नया नारा है 'क्वारंटाइन गया कोरोना लाने' ''
उन्होंने अपने एक और ट्वीट में लिखा, ''असंवेदनशीलता की कोई तो सीमा होती होगी? क्या बिहार सरकार द्वारा अप्रवासी मज़दूरों के साथ जो सलूक किया जा रहा है वह माफ़ी के लायक है? क्या अप्रवासी मज़दूरों की स्क्रीनिंग और उन्हें क्वारंटाइन सेंटर नहीं भेज बिहार सरकार संक्रमण को न्यौता नहीं दे रही?''
असंवेदनशीलता की कोई तो सीमा होती होगी?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 14, 2020
क्या बिहार सरकार द्वारा अप्रवासी मज़दूरों के साथ जो सलूक किया जा रहा है वह माफ़ी के लायक है? क्या अप्रवासी मज़दूरों की स्क्रीनिंग और उन्हें क्वारंटाइन सेंटर नहीं भेज बिहार सरकार संक्रमण को न्यौता नहीं दे रही? pic.twitter.com/2GmJWVK4c9
इससे पहले तेजस्वी यादव ने प्रवासी बिहारियों का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि 50 दिनों से दूसरे प्रदेशों में भूखे-प्यासे फंसे, हजारों किलोमीटर की यात्रा तय कर लाखों मुसीबत झेलकर अपने प्रदेश पहुंचे अप्रवासी बिहार वासियों के साथ बिहार सरकार का सलूक अमानवीय है.
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