देश में कुल कर संग्रह बीते वित्त वर्ष 2021-22 में 34 प्रतिशत उछलकर रिकॉर्ड 27.07 लाख करोड़ रुपये रहा. कंपनी कर और सीमा शुल्क संग्रह में अच्छी वृद्धि से कर-जीडीपी अनुपात दो दशक के उच्च स्तर पर पहुंच गया. राजस्व सचिव तरूण बजाज ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. कर संग्रह में वृद्धि अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रदर्शन और कर चोरी रोकने के उपायों के प्रभाव को बताता है. इससे प्रत्यक्ष कर संग्रह रिकॉर्ड 49 प्रतिशत उछलकर 14.10 लाख करोड़ रुपये रहा. जबकि अप्रत्यक्ष कर संग्रह 20 प्रतिशत बढ़कर 12.90 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया.
बजाज ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कई प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है. जीएसटी आंकड़ों का मिलान आयकर आंकड़ों से किया जा रहा है तथा अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है. इसके कारण बेहतर अनुपालन और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों मोर्चों पर बेहतर राजस्व सुनिश्चित हुआ है.''
कर-जीडीपी अनुपात 2021-22 में बढ़कर 11.7 प्रतिशत पर पहुंच गया. यह 1999 के बाद सर्वाधिक है. यह अनुपात 2020-21 में 10.3 प्रतिशत था. उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्यक्ष कर संग्रह अप्रत्यक्ष कर संग्रह से अधिक रहा है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले साल में यह रुख बना रहेगा.''
बजाज ने कहा कि जीडीपी में बदलाव और सरकार के राजस्व में वृद्धि में परिवर्तन (टैक्स बॉयोन्सी) करीब दो रहा है. यानी कर संग्रह में वृद्धि बाजार मूल्य पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के मुकाबले दोगुनी रही है.
उन्होंने कहा कि सकल कर संग्रह अप्रैल 2021 से मार्च 2022 में सालाना आधार पर 34 प्रतिशत बढ़कर 27.07 लाख करोड़ रुपये रहा. वित्त वर्ष 2020-21 में कुल कर संग्रह 20.27 लाख करोड़ रुपये था.
प्रत्यक्ष कर संग्रह इस दौरान 49 प्रतिशत उछलकर 14.10 लाख करोड़ रुपये रहा. प्रत्यक्ष कर के अंतर्गत व्यक्तिगत आयकर और कंपनी कर आता है. बजाज ने कहा कि प्रत्यक्ष कर में यह वृद्धि संभवत: लंबे समय बाद सर्वाधिक है.
प्रत्यक्ष कर मद में कंपनी कर 56.1 प्रतिशत बढ़कर 8.58 लाख करोड़ रुपये जबकि व्यक्तिगत आयकर संग्रह 43 प्रतिशत बढ़कर करीब 7.49 लाख करोड़ रुपये रहा. वित्त वर्ष के दौरान 2.43 इकाइयों को 2.24 लाख करोड़ रुपये आयकर वापस किए गए.
उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क समेत अप्रत्यक्ष कर संग्रह 2021-2 में 20 प्रतिशत बढ़कर 12.90 लाख करोड़ रुपये रहा. बजट में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 11.02 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था.
अप्रत्यक्ष कर मद में सीमा शुल्क संग्रह 2021-22 में 48 प्रतिशत बढ़कर 1.99 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा. वहीं केंद्रीय जीएसटी (माल एवं सेवा कर) और उपकर 30 प्रतिशत बढ़कर 6.95 लाख करोड़ रुपये रहा. उत्पाद शुल्क संग्रह हालांकि 0.2 प्रतिशत घटकर 3.90 लाख करोड़ रुपये रहा.
बजाज ने कहा कि जीएसटी चोरी पर अंकुश लगाने के उपायों से फर्जी बिल और कंपनियों के धोखाधड़ी कर कर क्रेडिट का दावा करने की समस्या को काबू में लाने में मदद मिली है.
अगले वित्त वर्ष में कर संग्रह की संभावना के बारे में सचिव ने कहा कि बजट में आंकड़े दिए गए हैं और चालू वित्त वर्ष में फिर से ऐसी ही ऊंची वृद्धि की संभावना नहीं है. वित्त वर्ष 2022-23 में प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा गया है. जबकि अप्रत्यक्ष कर संग्रह 13.30 लाख करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया है.
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