सुप्रीम कोर्ट टाटा बनाम साइरस मिस्त्री विवाद (Tata sons vs Cyrus Mistry dispute) में 8 दिसंबर को महत्वपूर्ण सुनवाई करेगा. मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने मंगलवार को कहा कि उस दिन सिर्फ इसी मामले की सुनवाई की जाएगी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अंतिम सुनवाई दो दिसंबर को करने का निर्णय लिया था. साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद दोनों पक्षों के बीच यह विवाद शुरू हुआ था.
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दरअसल, शापूरजी पालोनजी समूह (Shapoorji Pallonji Group) ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल बयान में कहा है कि टाटा संस प्रभावी रूप से दो समूहों की कंपनी है. टाटा ट्रस्ट्स, टाटा परिवार के सदस्यों और टाटा कंपनियों के पास इक्विटी शेयर कैपिटल की 81.6 फीसदी हिस्सेदारी है. वहीं मिस्त्री परिवार की 18.37 फीसदी है. टाटा संस एक कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी और टाटा ग्रुप के लिए होल्डिंग कंपनी है. टाटा संस की वैल्यू सूचीबद्ध शेयर, गैर सूचीबद्ध शेयर, ब्रांड, कैश बैलेंस और अचल संपत्तियों में इसकी हिस्सेदारी से निकलती है. टाटा संस में शापूरजी पालोनजी समूह की 18.37 फीसदी हिस्सेदारी की वैल्यू 1,75,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
परिसंपत्ति के बंटवारे और आकलन पर मतभेद
टाटा ग्रुप से अलग होने की अपनी स्कीम में शपूरजी पालोनजी समूह ने कहा है कि वैल्युएशन पर विवाद को सूचीबद्ध परिसंपत्ति (जिनका शेयर मूल्य पता हो) के प्रो राटा स्प्लिट और ब्रांड (ब्रांड वैल्युएशन पहले से टाटा द्वारा हो चुकी हो और पब्लिश की जा चुकी हो) के प्रो राटा शेयर के जरिए दूर कर सकते हैं. सकल ऋण के आकलन के तहत गैर सूचीबद्ध परिसंपत्ति के मामले में एक तटस्थ तीसरे पक्ष द्वारा मूल्यांकन किया जा सकता है. गैर नकदी समझौते के तौर पर शपूरजी पालोनजी समूह ने ऐसी सूचीबद्ध टाटा कंपनियों में प्रो राटा शेयरों की मांग की है, जिनमें टाटा संस की फिलहाल हिस्सेदारी है. उदाहरण के तौर पर TCS में टाटा ग्रुप की हिस्सेदारी 72 फीसदी है.
टाटा संस में बड़ा हिस्सेदार शापूरजी पालोनजी समूह
शापूरजी पालोनजी समूह की टाटा संस में 18.37 फीसदी हिस्सेदारी TCS में 13.22 फीसदी शेयर हिस्सेदारी के तौर पर बनती है. गौरतलब है कि पालोनजी मिस्त्री के बेटे साइरस मिस्त्री को 2012 में रतन टाटा की जगह टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया था, लेकिन चार साल बाद 2016 में उन्हें अचानक पद से हटा दिया गया था. तभी से उनकी टाटा समूह के साथ ठनी हुई है. टाटा समूह ने एसपी समूह की हिस्सेदारी खुद खरीदने का प्रस्ताव दिया था, जिसके लिए मिस्त्री परिवार तैयार नहीं है. इसके बाद टाटा समूह ने 5 सितंबर को एसपी समूह को अपने हिस्से के शेयर बेचने या गिरवी रखने से रोकने के लिए शीर्ष अदालत की शरण ली थी.
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