चेन्नई:
वीके शशिकला के समर्थक इडाप्पडी के. पलानीस्वामी गुरुवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी गयी जिससे अन्नाद्रमुक महासचिव के खिलाफ कार्यवाहक मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम की बगावत से राज्य में शुरू हुई राजनीतिक अनिश्चितता समाप्त हो गयी. तमिलनाडु विधानसभा के सचिव जमालुदीन ने बताया कि पलानीस्वामी को 18 फरवरी सदन में बहुमत साबित करना होगा. पलानीस्वामी पिछले नौ महीने में इस शीर्ष पद पर काबिज होने वाले तीसरे व्यक्ति हैं. राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने गुरुवार शाम राजभवन में एक सादे समारोह में 63 वर्षीय पलानीस्वामी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी. वह 31 सदस्यीय मंत्रिमंडल के प्रमुख बने हैं. मंत्रियों को भी इसी कार्यक्रम में शपथ दिलायी गयी. पलानीस्वामी पिछले नौ महीने में मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले तीसरे अन्नाद्रमुक नेता हैं.
अन्नाद्रमुक सुप्रीमो और मुख्यमंत्री जयललिता ने मई, 2016 में विधानसभा चुनाव जीतकर लगातार दूसरी बार अपनी पार्टी को सत्ता में पहुंचाया था. जिन 74 दिन वह मौत से जूझ रही थीं, तब वह इस पद पर बनी रही. पांच दिसंबर को जयललिता के निधन के कुछ ही घंटे के अंदर पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलायी गयी. जब भ्रष्टाचार के मामले में जयललिता को जेल जाना पड़ा था तब भी उन्होंने यह प्रभार संभाला था. शशिकला का मार्ग प्रशस्त करने के लिए पन्नीरसेल्वम बाद में इस पद से हट गए. पहले ही पार्टी महासचिव चुनी गयीं शशिकला पांच फरवरी को पार्टी विधायक दल की नेता निर्वाचित हुईं.
इससे पहले मंगलवार को इदापड्डी के पलानीस्वामी और उनके विरोधी ओ पन्नीरसेल्वम दोनों ने राज्यपाल से मुलाकात कर अपने साथ अन्नाद्रमुक विधायकों का समर्थन होने की बात कही. अन्नाद्रमुक विधायक दल के नेता पलानीस्वामी ने मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. उन्होंने बुधवार शाम फिर राज्यपाल से मुलाकात कर अपने खेमे में पार्टी के 134 में से 124 विधायकों के समर्थन की बात कही थी. तमिलनाडु विधानसभा में 234 विधायक हैं. .
इसके साथ ही पन्नीरसेल्वम ने भी बुधवार को राज्यपाल से मुलाकात कर ''बहुमत'' का दावा किया और बहुमत साबित करने का मौका दिए जाने की मांग की. पन्नीरसेल्वम के खेमे का दावा है कि अन्नाद्रमुक विधायकों को उनकी मर्जी के खिलाफ चेन्नई के बाहरी इलाके में एक रिसॉर्ट में रखा गया.
पलानीस्वामी के साथ राजभवन पहुंचे मत्स्य पालन मंत्री डी जयाकुमार ने कहा कि उनके पास 124 विधायकों का समर्थन है. राज्यपाल के साथ बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''हमने राज्यपाल को पार्टी विधायक दल के नेता पलानीस्वामी का समर्थन कर रहे विधायकों की सूची सौंपी है. राज्यपाल ने कहा कि सूची पर विचार करेंगे और हमें विश्वास है कि लोकतंत्र की रक्षा होगी.'' उन्होंने कहा, ''हमने राज्यपाल को बताया कि पलानीस्वामी के साथ अधिकतर विधायकों का समर्थन है और इसलिए उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए.''
हालांकि राव की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है जिन्हें सोमवार को अटॉर्नी जनरल (एजी) मुकुल रोहतगी ने शक्ति परीक्षण के लिए एक सप्ताह के अंदर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की सलाह दी थी. उन्हें अब ये फैसला करना है कि किसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना है या फिर विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराना है.
राज्यपाल ने अन्नाद्रमुक महासचिव वी के शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में फैसले के चलते अपना निर्णय लंबित रखा था. मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया और शशिकला की दोष सिद्धि और सजा को बरकरार रखा. इसके बाद उनके मुख्यमंत्री बनने की उम्मीदें समाप्त हो गई. इससे पहले तक वह इस पद की दावेदार थीं. कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को जहां 10 से अधिक सांसदों और कुछ विधायकों का समर्थन मिला वहीं शशिकला पार्टी के 134 में से अधिकतर विधायकों का समर्थन पाने में सफल रही थीं.
इसके साथ ही शशिकला बुधवार शाम बेंगलुरु में आत्मसमर्पण कर दिया और अब वह कर्नाटक की एक जेल में अपनी बची हुई तीन साल 10 महीने और 27 दिन की सजा काटेंगी. उससे पहले उन्होंने टीटीवी दिनकरन और एस वेंकटेश को पार्टी में शामिल किया. उन्हें पांच साल पहले अन्नाद्रमुक प्रमुख और तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था. शशिकला ने अपने भतीजे और पूर्व राज्यसभा सदस्य दिनकरन को अन्नाद्रमुक का उप महासचिव नियुक्त किया है. इस कदम को उनके जेल से लौटने तक अपने किसी करीबी को पार्टी की कमान सौंपने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.
दिनकरन की नियुक्ति के बाद अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता वी करप्पासामी पांडियन ने पार्टी के संगठन सचिव पद से इस्तीफा दे दिया. नाराज पांडियन ने जयललिता द्वारा निष्कासित लोगों को फिर से शामिल करने के शशिकला के अधिकार पर सवाल उठाया और कहा कि क्या अन्नाद्रमुक शशिकला की पारिवारिक संपत्ति है. दिनकरन और वेंकटेश को पार्टी में फिर से शामिल करते हुए शशिकला ने कहा था कि दोनों ने अपने कृत्यों के लिए खेद जता दिया है.
अन्नाद्रमुक सुप्रीमो और मुख्यमंत्री जयललिता ने मई, 2016 में विधानसभा चुनाव जीतकर लगातार दूसरी बार अपनी पार्टी को सत्ता में पहुंचाया था. जिन 74 दिन वह मौत से जूझ रही थीं, तब वह इस पद पर बनी रही. पांच दिसंबर को जयललिता के निधन के कुछ ही घंटे के अंदर पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलायी गयी. जब भ्रष्टाचार के मामले में जयललिता को जेल जाना पड़ा था तब भी उन्होंने यह प्रभार संभाला था. शशिकला का मार्ग प्रशस्त करने के लिए पन्नीरसेल्वम बाद में इस पद से हट गए. पहले ही पार्टी महासचिव चुनी गयीं शशिकला पांच फरवरी को पार्टी विधायक दल की नेता निर्वाचित हुईं.
इससे पहले मंगलवार को इदापड्डी के पलानीस्वामी और उनके विरोधी ओ पन्नीरसेल्वम दोनों ने राज्यपाल से मुलाकात कर अपने साथ अन्नाद्रमुक विधायकों का समर्थन होने की बात कही. अन्नाद्रमुक विधायक दल के नेता पलानीस्वामी ने मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. उन्होंने बुधवार शाम फिर राज्यपाल से मुलाकात कर अपने खेमे में पार्टी के 134 में से 124 विधायकों के समर्थन की बात कही थी. तमिलनाडु विधानसभा में 234 विधायक हैं. .
इसके साथ ही पन्नीरसेल्वम ने भी बुधवार को राज्यपाल से मुलाकात कर ''बहुमत'' का दावा किया और बहुमत साबित करने का मौका दिए जाने की मांग की. पन्नीरसेल्वम के खेमे का दावा है कि अन्नाद्रमुक विधायकों को उनकी मर्जी के खिलाफ चेन्नई के बाहरी इलाके में एक रिसॉर्ट में रखा गया.
पलानीस्वामी के साथ राजभवन पहुंचे मत्स्य पालन मंत्री डी जयाकुमार ने कहा कि उनके पास 124 विधायकों का समर्थन है. राज्यपाल के साथ बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''हमने राज्यपाल को पार्टी विधायक दल के नेता पलानीस्वामी का समर्थन कर रहे विधायकों की सूची सौंपी है. राज्यपाल ने कहा कि सूची पर विचार करेंगे और हमें विश्वास है कि लोकतंत्र की रक्षा होगी.'' उन्होंने कहा, ''हमने राज्यपाल को बताया कि पलानीस्वामी के साथ अधिकतर विधायकों का समर्थन है और इसलिए उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए.''
हालांकि राव की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है जिन्हें सोमवार को अटॉर्नी जनरल (एजी) मुकुल रोहतगी ने शक्ति परीक्षण के लिए एक सप्ताह के अंदर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की सलाह दी थी. उन्हें अब ये फैसला करना है कि किसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना है या फिर विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराना है.
राज्यपाल ने अन्नाद्रमुक महासचिव वी के शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में फैसले के चलते अपना निर्णय लंबित रखा था. मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया और शशिकला की दोष सिद्धि और सजा को बरकरार रखा. इसके बाद उनके मुख्यमंत्री बनने की उम्मीदें समाप्त हो गई. इससे पहले तक वह इस पद की दावेदार थीं. कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को जहां 10 से अधिक सांसदों और कुछ विधायकों का समर्थन मिला वहीं शशिकला पार्टी के 134 में से अधिकतर विधायकों का समर्थन पाने में सफल रही थीं.
इसके साथ ही शशिकला बुधवार शाम बेंगलुरु में आत्मसमर्पण कर दिया और अब वह कर्नाटक की एक जेल में अपनी बची हुई तीन साल 10 महीने और 27 दिन की सजा काटेंगी. उससे पहले उन्होंने टीटीवी दिनकरन और एस वेंकटेश को पार्टी में शामिल किया. उन्हें पांच साल पहले अन्नाद्रमुक प्रमुख और तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था. शशिकला ने अपने भतीजे और पूर्व राज्यसभा सदस्य दिनकरन को अन्नाद्रमुक का उप महासचिव नियुक्त किया है. इस कदम को उनके जेल से लौटने तक अपने किसी करीबी को पार्टी की कमान सौंपने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.
दिनकरन की नियुक्ति के बाद अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता वी करप्पासामी पांडियन ने पार्टी के संगठन सचिव पद से इस्तीफा दे दिया. नाराज पांडियन ने जयललिता द्वारा निष्कासित लोगों को फिर से शामिल करने के शशिकला के अधिकार पर सवाल उठाया और कहा कि क्या अन्नाद्रमुक शशिकला की पारिवारिक संपत्ति है. दिनकरन और वेंकटेश को पार्टी में फिर से शामिल करते हुए शशिकला ने कहा था कि दोनों ने अपने कृत्यों के लिए खेद जता दिया है.
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