इस बार के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के जरिये डीएमके की कमान संभाले करुणानिधि के परिवार की अगली पीढ़ी ने सियासत में कदम रख दिया है. करुणानिधि से पार्टी की कमान हाथ में लेने वाले स्टालिन (DMK president M.K. Stalin) के बेटे उदयनिधि इस बार चेपॉक-तिरुवल्लीकेनी (Chepauk-Thiruvallikeni) विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में होंगे. यह सीट लंबे समय से डीएमके के कब्जे में रही है. करुणानिधि स्वयं इस सीट से कई बार विधायक रहे थे.
उदयनिधि तमिल फिल्म जगत के कलाकार और निर्देशक के तौर पर जाने जाते हैं. उन्होंने खुद टिकट को लेकर दावेदारी जताई थी. डीएमके ने 173 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि 15 सीटों पर दूसरे दलों के प्रत्याशी उसके चुनाव चिन्ह पर मैदान में होंगे. जबकि स्टालिन भी चेन्नई की कोलाथुर सीट से मैदान में उतरेंगे. स्टालिन ने मरीना बीच पर करुणानिधि के स्मारक पर पिता को श्रद्धांजलि देने के बाद पार्टी के प्रत्याशियों की सूची जारी की थी.
चेपॉक सीट को 1977 में पहली बार अस्तित्व में आई और यहां हमेशा डीएमके और एआईडीएमके के बीच 1977, 1980, 1984 के चुनाव में सीधी टक्कर हुई. इसमें डीएमके के ए रहमान खान ने तीनों बार जीत हासिल की. वर्ष 1989, वर्ष 1991, 1996 और 2001 में डीएमके का मुकाबला इस सीट पर कांग्रेस से हुआ. वर्ष 1991 को छोड़कर डीएमके यहां कभी चुनाव नहीं हारी. 1991 में अनबाझगन यहां से चुनाव हार गए.
करुणानिधि ने 1996 में चेपॉक से पहली बार चुनाव जीता और 2001 में भी यहीं से निर्वाचित हुए. चेपॉक-तिरुवल्लीकेनी सीट को चेपॉक और त्रिपलीकेन विधानसभा सीटों के कुछ क्षेत्रों को जोड़कर बनाया गया था. नया सचिवालय और अन्य सरकारी कार्यालय इसी क्षेत्र में आते हैं. चेपॉक सीट और परिसीमन के बाद चेपॉक-तिरुवल्लीकेनी सीट अस्तित्व में आई. लेकिन यहां भयंकर ट्रैफिक जाम, सघन इलाकों में बेतरतीब इमारतें लंबे समय से मुद्दा रही हैं.
डीएमके के दिग्गज नेता जे अनबाझगन यहां 2011 और 2016 में विधानसभा चुनाव जीते. इस सीट पर करीब दो लाख वोटर हैं. इनमें महिलाओं और पुरुषों की संख्या करीब-करीब 50 फीसदी है. वर्ष 2006 में करुणानिधि ने चेपॉक सीट से चुनाव 8522 वोटों से जीता था और एआईएडीएमके समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी दावून मिखान को हराया था.
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