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खास बातें
- देश की सबसे भयंकर रेल त्रासदियों में से एक तमिलनाडु एक्सप्रेस अग्निकांड में कम से कम 32 यात्रियों की मौत हुई है और कई अन्य घायल हो गए।
हैदराबाद: नई दिल्ली से चेन्नई जा रही तमिलनाडु एक्सप्रेस में हुए अग्निकांड में जान गंवाने वाले अधिकतर लोग हादसे के समय सो रहे थे, जबकि कुछ जगकर अपने गंतव्य का इंतजार कर रहे थे, जो महज तीन घंटे में आने वाला था।
देश की सबसे भयंकर रेल त्रासदियों में से एक तमिलनाडु एक्सप्रेस अग्निकांड में कम से कम 32 यात्रियों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। आग से बच निकले एक यात्री ने कहा, सब कुछ 15 सेकेंड में समाप्त हो गया। धुआं तेजी से फैला और लोगों को बच निकलने का मौका नहीं मिला।
रेलगाड़ी के जिस एस 11 कोच में आग लगी उसमें 72 लोग यात्रा कर रहे थे। जिन यात्रियों का आरक्षण नहीं था और जो दरवाजों के नजदीक बैठे या खड़े थे वे तो अपनी जान बचाने में कामयाब रहे, लेकिन सीटों पर सो रहे, खासकर ऊपरी व मध्य सीट पर सो रहे लोगों को उठकर दरवाजे की तरफ निकलने का मौका नहीं मिला।
समझा जा रहा है कि बहुत से लोगों की मौत नींद में सोते हुए ही जलकर हो गई। वे समझ भी नहीं पाए कि क्या हो रहा है। राहतकर्मियों ने सीटों पर से जले हुए शव बाहर निकाले।
एक व्यक्ति का शव बैठी हुई अवस्था में पाया गया, जिससे लगता है कि वह जान बचाकर निकलने का प्रयास भी नहीं कर पाया।
विधायक अनाम विवेकानंद रेड्डी ने घटना पर शोक जताते हुए कहा, घटना के बारे में बताने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैंने एक महिला और उसके बच्चे का शव देखा। शायद वह बच्चे के साथ निकलने का प्रयास कर रही थी, लेकिन दोनों की मौत हो गई।
रेलवे ने हादसे में मारे गए यात्रियों में से प्रत्येक के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये की मुआवजा राशि देने व गम्भीर रूप से घायलों को एक-एक लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की है।