परगट सिंह की फाइल फोटो
जालंधर:
पंजाब में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल को 'मानसिक रूप से दिवालिया' करार देते हुए पार्टी के निलंबित विधायक परगट सिंह ने कहा कि अगर उनका निलंबन वापस भी हो जाता है तब भी वह पार्टी में कभी नहीं जाएंगे। हालांकि वह आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होने से जुड़े सवालों का सीधा जवाब देने से बचते दिखे।
जालंधर छावनी से विधायक तथा भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान परगट सिंह ने शिअद से मंगलवार को निलंबित किए जाने के बाद बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैं पिछले तीन साल से अपने क्षेत्र के लोगों की समस्यायें सरकार के समक्ष उठा रहा हूं और अब तक इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। अगर लोगों की समस्या के बारे में बात करना अनुशासनहीनता है तो मैं ऐसा बार बार करूंगा।' पूर्व ओलंपियन ने कहा, 'लोगों की समस्या को उठाने से पार्टी से निलंबित कर दिया जाना यह दर्शाता है कि पार्टी 'मानसिक रूप से दिवालिया' हो चुकी है। यह कार्रवाई हास्यास्पद है कि कोई जनप्रतिनिधि अपने लोगों की समस्या उठा रहा है और उसे पार्टी से ही निलंबित कर दिया जाए।'
यह पूछने पर कि पार्टी अगर निलंबन वापस ले लेती है तो क्या वह शिअद में बने रहेंगे, परगट ने कहा, 'किसलिए। मैं फिर लोगों की समस्या लेकर पार्टी और सरकार के पास जाऊंगा और दोबारा निलंबित कर दिया जाऊंगा। इसलिए निलंबन वापस लिए जाने पर भी मैं पार्टी में बने रहने की अपेक्षा इससे अलग होना पसंद करूंगा, क्योंकि शिअद अब 'चमचों और दलालों' की पार्टी बन कर रह गई है।'
वहीं अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर परगट ने कहा, 'पहले मैं राजनीति छोड़ने की सोच कर रहा था, लेकिन निलंबन की कार्रवाई से अब मैं राजनीति में बना रहूंगा। मैंने हमेशा अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याएं सुनी है और ईमानदारी पूर्वक काम किया है। इसी का परिणाम यह निलंबन है।' किसी राजनीतिक दल में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मैने अभी इस बारे में कुछ नहीं सोचा है। मैं कल चंडीगढ़ से जालंधर आ रहा था। इसी दौरान किसी पत्रकार का मेरे पास फोन आया और उन्होंने ही मुझे पार्टी से निलंबित होने की सूचना दी। पार्टी से अभी तक मेरे पास कोई सूचना नहीं आई है।' यह पूछने पर कि कांग्रेस, बीजेपी अथवा आप में से आपका दूसरा पड़ाव क्या होगा, परगट ने कहा, 'आप मुझे दो तीन दिन का वक्त दीजिए। मैं आपके सामने आकर सब कुछ स्पष्ट कर दूंगा। इस बीच मुझे अपने लोगों से बातचीत करने का मौका भी मिल जाएगा।'
गौरतलब है कि शिरोमणि अकाली दल ने मंगलवार की शाम दो विधायकों परगट सिंह तथा इंदरबीर सिंह बोलारिया को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया था। शिअद सूत्रों के अनुसार परगट पार्टी से इस्तीफा देकर आप में शामिल होना चाहते थे, इसलिए पार्टी ने उन्हें पहले ही निलंबित कर दिया। इससे पहले परगट ने क्षेत्र के लोगों का काम नहीं होने के विरोध में मुख्य संसदीय सचिव का पद भी ठुकरा दिया था और शपथग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए थे।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जालंधर छावनी से विधायक तथा भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान परगट सिंह ने शिअद से मंगलवार को निलंबित किए जाने के बाद बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैं पिछले तीन साल से अपने क्षेत्र के लोगों की समस्यायें सरकार के समक्ष उठा रहा हूं और अब तक इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। अगर लोगों की समस्या के बारे में बात करना अनुशासनहीनता है तो मैं ऐसा बार बार करूंगा।' पूर्व ओलंपियन ने कहा, 'लोगों की समस्या को उठाने से पार्टी से निलंबित कर दिया जाना यह दर्शाता है कि पार्टी 'मानसिक रूप से दिवालिया' हो चुकी है। यह कार्रवाई हास्यास्पद है कि कोई जनप्रतिनिधि अपने लोगों की समस्या उठा रहा है और उसे पार्टी से ही निलंबित कर दिया जाए।'
यह पूछने पर कि पार्टी अगर निलंबन वापस ले लेती है तो क्या वह शिअद में बने रहेंगे, परगट ने कहा, 'किसलिए। मैं फिर लोगों की समस्या लेकर पार्टी और सरकार के पास जाऊंगा और दोबारा निलंबित कर दिया जाऊंगा। इसलिए निलंबन वापस लिए जाने पर भी मैं पार्टी में बने रहने की अपेक्षा इससे अलग होना पसंद करूंगा, क्योंकि शिअद अब 'चमचों और दलालों' की पार्टी बन कर रह गई है।'
वहीं अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर परगट ने कहा, 'पहले मैं राजनीति छोड़ने की सोच कर रहा था, लेकिन निलंबन की कार्रवाई से अब मैं राजनीति में बना रहूंगा। मैंने हमेशा अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याएं सुनी है और ईमानदारी पूर्वक काम किया है। इसी का परिणाम यह निलंबन है।' किसी राजनीतिक दल में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मैने अभी इस बारे में कुछ नहीं सोचा है। मैं कल चंडीगढ़ से जालंधर आ रहा था। इसी दौरान किसी पत्रकार का मेरे पास फोन आया और उन्होंने ही मुझे पार्टी से निलंबित होने की सूचना दी। पार्टी से अभी तक मेरे पास कोई सूचना नहीं आई है।' यह पूछने पर कि कांग्रेस, बीजेपी अथवा आप में से आपका दूसरा पड़ाव क्या होगा, परगट ने कहा, 'आप मुझे दो तीन दिन का वक्त दीजिए। मैं आपके सामने आकर सब कुछ स्पष्ट कर दूंगा। इस बीच मुझे अपने लोगों से बातचीत करने का मौका भी मिल जाएगा।'
गौरतलब है कि शिरोमणि अकाली दल ने मंगलवार की शाम दो विधायकों परगट सिंह तथा इंदरबीर सिंह बोलारिया को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया था। शिअद सूत्रों के अनुसार परगट पार्टी से इस्तीफा देकर आप में शामिल होना चाहते थे, इसलिए पार्टी ने उन्हें पहले ही निलंबित कर दिया। इससे पहले परगट ने क्षेत्र के लोगों का काम नहीं होने के विरोध में मुख्य संसदीय सचिव का पद भी ठुकरा दिया था और शपथग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए थे।
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