इडुक्की:
राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन को उस समय राहत मिली जब एक स्थानीय अदालत ने सूर्यनेल्ली सामूहिक बलात्कार मामले की पीड़िता द्वारा कांग्रेस नेता की कथित भूमिका की फिर से जांच कराए जाने की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि फिर से जांच कराए जाने के लिए कोई आधार नहीं है।
पीड़िता ने एक आरोपी धर्मराजन के हाल के दावे के बाद कुरियन की कथित भूमिका की फिर से जांच कराए जाने के लिए एक याचिका दाखिल की थी। धर्मराजन वर्ष 1996 के सामूहिक बलात्कार मामले में एक आरोपी है और एक मात्र व्यक्ति है जिसे मामले में दोषी जाना बाकी है।
प्रथम श्रेणी के न्यायायिक मजिस्ट्रेट ने लड़की की याचिका खारिज कर दी और व्यवस्था दी कि फिर से जांच का कोई नया आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि याचिका में जिन बिंदुओं को उठाया गया है, उनकी पहले ही पुलिस ने जांच कर ली है और कुरियन के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
याचिकाकर्ता ने तीसरे आरोपी धर्मराज द्वारा किए गए ताजा दावे के आधार पर फिर से जांच कराए जाने का अनुरोध किया था। धर्मराज ने दावा किया था कि वर्ष 1996 में केंद्रीय मंत्री रहे कुरियन ने पीरूमेड में एक लड़की के साथ छेड़छाड़ की थी।
पीड़िता ने एक आरोपी धर्मराजन के हाल के दावे के बाद कुरियन की कथित भूमिका की फिर से जांच कराए जाने के लिए एक याचिका दाखिल की थी। धर्मराजन वर्ष 1996 के सामूहिक बलात्कार मामले में एक आरोपी है और एक मात्र व्यक्ति है जिसे मामले में दोषी जाना बाकी है।
प्रथम श्रेणी के न्यायायिक मजिस्ट्रेट ने लड़की की याचिका खारिज कर दी और व्यवस्था दी कि फिर से जांच का कोई नया आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि याचिका में जिन बिंदुओं को उठाया गया है, उनकी पहले ही पुलिस ने जांच कर ली है और कुरियन के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
याचिकाकर्ता ने तीसरे आरोपी धर्मराज द्वारा किए गए ताजा दावे के आधार पर फिर से जांच कराए जाने का अनुरोध किया था। धर्मराज ने दावा किया था कि वर्ष 1996 में केंद्रीय मंत्री रहे कुरियन ने पीरूमेड में एक लड़की के साथ छेड़छाड़ की थी।