
राज्यसभा उप सभापति (फाइल फोटो)
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संविधान संशोधन बिल पर वोटिंग के दौरान आए हल्के-फुल्के फल
संख्या में बार-बार बदलाव पर सदस्यों ने पूछा, ये कैसे हो रहा है
बटन दस सेकंड तक नहीं दबाया जाता तो मशीन दर्ज नहीं करती वोट
जब बिल को पास कराने के लिए पहले मत विभाजन किया गया तो कुल सांसदों की संख्या 197 थी. बिल के पक्ष में 197 वोट पड़े और विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा पर जब संशोधनों पर मत विभाजन होने लगा तो पक्ष और विरोध के मत बढ़ते-घटते रहे. एक मत विभाजन के वक्त कुल सांसदों की संख्या 206 दिखाई दी. इस पर सांसदों ने कुरियन से कहा कि यह कैसे हो रहा है. पहले कुरियन ने कहा कि इस बारे में वह कुछ नहीं जानते बल्कि सांसदों को टेक्निकल स्टाफ से पूछना चाहिए. बाद में उन्होंने कहा कि लगता है सदन में कोई जादूगर है जो नंबर बढ़ा-घटा रहा है.
असल में वोटिंग के वक्त पूरे दस सेकेंड तक अगर बटन नहीं दबाया गया तो मशीन उसे रजिस्टर नहीं करती. सांसदों की इसी गलती की वजह से संख्या में बदलाव दिख रहा था लेकिन बिल के पक्ष में प्रबल बहुमत होने के कारण प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं आयी.
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