कोरोना संकट के बीच सरकार के इस फैसले से खड़ा हुआ विवाद, भुखमरी के दौर में चावल से बनेगा...

सरकार ने यह फैसला ऐसे समय किया है जब देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं.

कोरोना संकट के बीच सरकार के इस फैसले से खड़ा हुआ विवाद, भुखमरी के दौर में चावल से बनेगा...

नई दिल्ली:

देश में जारी कोरोना संकट के बीच सरकार के एक फैसले से विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें उसने गोदामों में मौजूद अतिरिक्त चावल का उपयोग हैंड सैनिटाइजरों की आपूर्ति के लिए जरूरी इथेनॉल बनाने में करने का फैसला किया है. सरकार की तरफ से बताया गया कि इन चावलों से इथेनॉल का निर्माण किया जाएगा, जिससे सैनिटाइजर की उपलब्धता आसानी से सुनिश्चित हो सकेगी. सरकार ने यह फैसला ऐसे समय किया है जब देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं.

सरकार ने राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 (National Policy on Biofuels 2018), जो अतिरिक्त अनाज को इथेनॉल में बदलने की मंजूरी देता है, का हवाला देते हुए कहा क‍ि इसका फैसला पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई  राष्ट्रीय जैव-ईंधन समन्वय समिति (National Biofuel Coordination Committee) की बैठक में किया गया.

बयान में कहा गया है, 'भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास उपलब्ध अतिरिक्त चावल को इथेनॉल में बदलने और उसका उपयोग अल्कोहल आधारित सैनिटाइजरों के निर्माण और पेट्रोल में मिलाने के लिए करने को मंजूरी दी गई है.'

राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 के अनुसार, अगर एक फसल वर्ष में कृष‍ि एंव किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा अनुमानित मात्रा से ज्यादा खाद्यान्न की आपूर्ति हो तो, यह नीति अनाज की इस अतिरिक्त मात्रा को राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति की मंजूरी के आधार पर इथेनॉल में बदलने की मंजूरी देगी.

पिछले कुछ हफ्तों में इस बात को लेकर बहुत विवाद हुआ था कि देशव्यापी लॉकडाउन के चलते गीरब भूखे रह रहे हैं जबकि भारतीय खाद्य निगम (FCI) के गोदाम अनाज से भरे पड़े हैं.

जब लॉकडाउन शुरू हुआ था तब सरकार ने गरीबों को अतिरिक्त भोजन देने का वादा किया था. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 5 किलोग्राम चावल या गेहूं जन वितरण प्रणाली के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा. लेकिन यह केवल उन लोगों के लिए‍ है जिनके पास राशन कार्ड है.

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लेकिन ज्यादातर प्रवासियों के लिए यह उपलब्ध नहीं है क्योंकि वो जहां काम करते हैं वहां अपना राशन कार्ड लेकर नहीं जाते. कई ऐसे भी हैं जिनके पास राशन कार्ड है ही नहीं. ऐसे लोगों की संख्या करीब 50 लाख होने का अनुमान है जिसको देखते हुए विशेषज्ञ कहते हैं कि जन वितरण प्रणाली के जरिए ऐसे सभी को भोजन दिया जाना चाहिए.

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोनावायरस से संक्रमितों की संख्या 17656 हो गई है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1540 नए मामले सामने आए हैं और 40 लोगों की मौत हुई है. देश में कोरोना से अब तक 559 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि 2842 मरीज इस बीमारी को हराने में कामयाब भी हुए हैं.

दुनिया में

67,69,38,430मामले
62,55,71,965सक्रिय
4,44,81,893ठीक हुए
68,84,572मौत
कोरोनावायरस अब तक 200 देशों में फैल चुका है. January 9, 2024 10:54 am बजे तक दुनियाभर में कुल 67,69,38,430 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 68,84,572 की मौत हो चुकी है. 62,55,71,965 मरीज़ों का उपचार जारी है और 4,44,81,893 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है. .

भारत में

4,50,19,214 475मामले
3,919 -83सक्रिय
4,44,81,893 552ठीक हुए
5,33,402 6मौत
भारत में, 4,50,19,214 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें 5,33,402 मौत शामिल हैं. January 9, 2024 8:00 am बजे तक भारत में सक्रिय मामलों की संख्या 3,919 है और 4,44,81,893 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है.

राज्यवार व जिलावार विवरण

राज्य मामले सक्रिय ठीक हुए मौत