शहाबुद्दीन की जमानत बरकरार रहेगी या उन्हें वापस जेल भेजा जाएगा, सुनवाई 28 सितंबर को (फाइल फोटो)
क्या आरजेडी के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत बरकरार रहेगी या उन्हें वापस जेल भेजा जाएगा, सुप्रीम कोर्ट इस पर बुधवार 28 सितंबर को सुनवाई करेगा. बिहार सरकार ने कहा कि इस पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है. कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई और कहा कि अगर मामला इतने अर्जेंट था तो जब हाईकोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया था, उस समय रोक की मांग क्यों नहीं की.
शहाबुद्दीन की ओर से कहा गया कि उसे केस में जवाब दाखिल करने के लिए वक्त चाहिए. वह सारे सवालों का जवाब देंगे लेकिन फिलहाल वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी उपलब्ध नहीं हैं. मीडिया ने इस केस को बेवजह उछाला है. उन्हें 7 सितंबर को जमानत मिली और 10 सितंबर को वह बाहर आए. लेकिन याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में स्टे की मांग नहीं की और 16 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी गई इसलिए सुनवाई को गुरुवार तक टाल दिया जाए.
कोर्ट चंदाबाबू और बिहार सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. चंदा बाबू और बिहार सरकार ने शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. बिहार में मारे गए तीन भाइयों के पिता चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदाबाबू ने याचिका ने अपनी याचिका में कहा कि शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आने के बाद क्षेत्र में सनसनी और डर का माहौल बन गया है.
गौरतलब है कि वर्ष 2004 में दो भाइयों गिरीश और सतीश की हत्या के मामले में शहाबुद्दीन को दिसंबर 2015 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. मामले में इकलौते गवाह मृतकों के भाई राजीव रोशन की भी 16 जून 2014 को हत्या कर दी गई थी.
शहाबुद्दीन की ओर से कहा गया कि उसे केस में जवाब दाखिल करने के लिए वक्त चाहिए. वह सारे सवालों का जवाब देंगे लेकिन फिलहाल वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी उपलब्ध नहीं हैं. मीडिया ने इस केस को बेवजह उछाला है. उन्हें 7 सितंबर को जमानत मिली और 10 सितंबर को वह बाहर आए. लेकिन याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में स्टे की मांग नहीं की और 16 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी गई इसलिए सुनवाई को गुरुवार तक टाल दिया जाए.
कोर्ट चंदाबाबू और बिहार सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. चंदा बाबू और बिहार सरकार ने शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. बिहार में मारे गए तीन भाइयों के पिता चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदाबाबू ने याचिका ने अपनी याचिका में कहा कि शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आने के बाद क्षेत्र में सनसनी और डर का माहौल बन गया है.
गौरतलब है कि वर्ष 2004 में दो भाइयों गिरीश और सतीश की हत्या के मामले में शहाबुद्दीन को दिसंबर 2015 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. मामले में इकलौते गवाह मृतकों के भाई राजीव रोशन की भी 16 जून 2014 को हत्या कर दी गई थी.
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