
प्रतीकात्मक तस्वीर.
- अदालतों की कार्यवाही का हो सकता है सीधा प्रसारण
- सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला रखा सुरक्षित
- न्यायिक कार्यों में पारदर्शिता के लिए प्रसारण की मांग
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सुनवाई के दौरान ही न्यायालय में मौजूद एक वकील ने सीधे प्रसारण के सुझाव का विरोध करते हुए कहा कि इसका न्याय प्रशासन पर असर पड़ेगा और इससे फर्जी खबरों को बढ़ावा मिलेगा.शीर्ष अदालत ने हालांकि कहा, वह खुली अदालतों की धारणा को लागू करने की मंशा रखती है जिससे अदालती कक्षों में भीड़ कम होगी. उसने कहा कि सीधा प्रसारण शैक्षणिक कार्यो में भी मददगार हो सकता है. न्यायालय ने पहले अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण को वक्त की जरूरत बताया था.
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कानून की एक छात्रा स्वप्निल त्रिपाठी ने एक याचिका में अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण कक्ष स्थापित करने और कानून के छात्रों को यहां तक पहुंचने की सुविधा प्रदान करने का अनुरोध् किया था.वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दिरा जयसिंह ने भी एक याचिका दायर करके महत्वपूर्ण मुकदमों की कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिग कराने का अनुरोध किया था. इसके अलावा एक गैर सरकारी संगठन ने भी इस मामले में जनहित याचिका दायर कर रखी है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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