निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की केंद्र और दिल्ली सरकार की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई की. याचिका पर सुनवाई करते हुए चारों दोषियों को नोटिस जारी करते हुए, जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कि हाईकोर्ट का सात दिन का समय 11 फरवरी को खत्म हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 11 फरवरी को दो बजे सुनवाई करेगा.
कोट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया एक चार्ज देकर बताया कि फिलहाल स्टेटस क्या है? मेहता ने कहा कि अदालत को कानून का सवाल तय करना है. हाईकोर्ट से हमें आंशिक राहत मिली है. तीन दोषियों के सारे उपचार पूरे हो चुके हैं. पवन गुप्ता ने क्यूरेटिव और दया याचिका नहीं लगाई है. अक्षय, विनय और पवन ने निचली अदालत में अर्जी दाखिल की थी. जिसमें उन्होंने कहा कि सभी दोषियों को एक साथ ही फांसी हो सकती है अलग अलग नहीं.
Supreme Court posts for February 11 the appeal of Central government against Delhi High Court's order rejecting its plea to separately execute the death row convicts in the December 2012 Delhi gang-rape case. https://t.co/dWHW7J81dC
— ANI (@ANI) February 7, 2020
साथ ही उन्होंने कहा, सवाल ये है कि क्या एक दोषी के सोचे समझे तरीके से देरी करने से उन दोषियों को भी फायदा हो जो अपने सारे उपचार पूरे कर चुके हैं. पवन के पास उपाय बचा है दया याचिका के तौर पर. क्या केवल एक दोषी के लिए सभी दोषियों को राहत दी जा सकती है? साथ ही तुषा मेहत ने कहा कि निचली अदालत ने गलत तरीके से प्रिजन रूल को अप्लाई किया, जिसके खिलाफ हम हाईकोर्ट में सफल हुए.
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सुप्रीम कोर्ट ने पूछा हाईकोर्ट ने कितना समय दिया है? तो कोर्ट को बताया गया कि हाईकोर्ट ने उपाय पूरे करने के लिए एक हफ्ता दिया है. जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि किसी भी दोषी को अपने उपचार लेने के लिए विवश नहीं किया जा सकता. अगर वो उपाय नहीं करना चाहता तो नहीं करना चाहता.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दोषी देश के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं. हम समाज के प्रति जवाबदेह हैं.
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सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को नोटिस जारी करने से इंकार किया. केंद्र की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई. सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 11 फरवरी को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई में केस को देखने के बाद नोटिस जारी करेंगे. SG तुषार मेहता ने मामले की सुनवाई के अंत में फिर कोर्ट से गुहार लगाई की नोटिस को जारी किया जाए. जिस पर जस्टिस भूषण ने कहा कि अगर नोटिस जारी करेंगे तो मामले में और भी देरी होगी.
वीडियो: निर्भया के चारों दोषियों को अलग अलग फांसी पर नहीं लटकाया जा सकता: हाईकोर्ट
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