नई दिल्ली:
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के चलते आईपीएल के बाकी मैचों पर रोक लगाने सम्बंधी जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद बाकी बचे मैचों पर रोक से इनकार कर दिया है।
न्यायमूर्ति बीएस चौहान और दीपक मिश्रा ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि बाकी बचे आईपीएल पर रोक नहीं लगाया जा सकता। साथ ही कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआई को इस मामले में कार्रवाई करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि क्रिकेट जेंटलमैन्स गेम है और इसे यह बनाए रखना चाहिए। कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की कि बीसीसीआई के ढीले रवैये के चलते यह समस्या पैदा हुई है।
जनहित याचिका में फिक्सिंग और आईपीएल में अन्य अनियमितताओं की जांच के लिये विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने की भी मांग की गई।
लखनऊ के सुदर्श अवस्थी ने यह याचिका दायर की थी जिसमें केंद्र के साथ आईपीएल की सभी फ्रेंचाइजी और बीसीसीआई को पक्षकार बनाया गया।
याचिका में कहा गया था, ‘खिलाड़ियों की नीलामी से लेकर आईपीएल में कई अनियमिततायें हैं। आईपीएल में काला धन और असामाजिक तत्वों का धन लगा है जिसकी जांच की जानी चाहिये।’’ उन्होंने जांच पूरी होने तक आईपीएल के बाकी सभी मैचों पर रोक लगाने की मांग की है।
न्यायमूर्ति बीएस चौहान और दीपक मिश्रा ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि बाकी बचे आईपीएल पर रोक नहीं लगाया जा सकता। साथ ही कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआई को इस मामले में कार्रवाई करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि क्रिकेट जेंटलमैन्स गेम है और इसे यह बनाए रखना चाहिए। कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की कि बीसीसीआई के ढीले रवैये के चलते यह समस्या पैदा हुई है।
जनहित याचिका में फिक्सिंग और आईपीएल में अन्य अनियमितताओं की जांच के लिये विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने की भी मांग की गई।
लखनऊ के सुदर्श अवस्थी ने यह याचिका दायर की थी जिसमें केंद्र के साथ आईपीएल की सभी फ्रेंचाइजी और बीसीसीआई को पक्षकार बनाया गया।
याचिका में कहा गया था, ‘खिलाड़ियों की नीलामी से लेकर आईपीएल में कई अनियमिततायें हैं। आईपीएल में काला धन और असामाजिक तत्वों का धन लगा है जिसकी जांच की जानी चाहिये।’’ उन्होंने जांच पूरी होने तक आईपीएल के बाकी सभी मैचों पर रोक लगाने की मांग की है।
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