
सुप्रीम कोर्ट
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
बंद कमरे में बातचीत वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से SC का इनकार
महिला से बातचीत बंद कमरे में करने की डाली गई थी याचिका
महिला के पिता ने दाखिल की थी याचिका
यह भी पढ़ें: लव जिहाद मामला : सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 24 साल की लड़की को पिता नियंत्रण में नहीं रख सकता
शीर्ष न्यायालय ने 30 अक्तूबर को निर्देश दिया था कि महिला को 27 नवंबर को खुली अदालत में बातचीत के लिए पेश किया जाए. अशोकन ने अपने आवेदन में कहा है कि चूंकि यह मामला पक्षकारों की सुरक्षा सहित सांप्रदायिक रूप में संवेदनशील मुद्दों से संबंधित है, इसलिए पूरी संजीदगी से यह महसूस किया जा रहा है कि प्रतिवादी और उसके परिवार की सुरक्षा और निजता के हित में बंद कमरे में बातचीत करना उचित होगा. शीर्ष अदालत ने 16 अगस्त को कहा था कि इस मामले में अंतिम निर्णय करने से पहले महिला से बंद कमरे में बात की जायेगी. परंतु बाद में इस आदेश में सुधार कर दिया गया. इसमें कहा गया, ‘‘हम यह जोड़ रहे हैं कि यह न्यायालय बंद कमरे के बजाए खुली अदालत में बात करेगा’’ शीर्ष अदालत ने पहले टिप्पणी की थी कि वयस्क की स्वेच्छा से विवाह के लिये सहमति के बारे में जानकारी प्राप्त करनी होगी. इस संबंध में राष्ट्रीय जांच एजेन्सी का कहना था कि सिखाया पढ़ाया गया व्यक्ति विवाह के लिये स्वेच्छा से सहमति देने में असमर्थ होता है.
यह भी पढ़ें: केरल : नाबालिग लड़की ने दिया बच्चे को जन्म, दोषी पादरी गिरफ्तार
राष्ट्रीय जांच एजेन्सी ने ‘मनोवैज्ञानिक अपहरण’ का जिक्र करते हुये कहा था कि सिखाया पढ़ाया गया व्यक्ति स्वेच्छा से सहमति देने में असमर्थ हो सकता है. उसने भी कहा था कि केरल में एक सुनियोजित तंत्र लोगों को सिखाने-पढ़ाने और कट्टरता की गतिविधियों में संलिप्त है और इस तरह के 89 मामले सामने आ चुके हैं. जांच एजेन्सी ने दावा किया है कि यह एक ऐसा मामला है जिसमे युवती को सिखाया पढ़ाया गया और इसलिए न्यायालय पितृ सत्ता का इस्तेमाल कर सकता है भले ही महिला वयस्क ही हो. इस महिला के पिता के वकील ने पहले दावा किया था कि उसकी बेटी का कथित पति शफीन जहां एक कट्टर व्यक्ति है और उसके आईएसआईएस में भर्ती कराने वाले लोगों से संबंध हैं.
VIDEO: कैसे उठा लव जेहाद का मसला?
इस हिन्दू महिला ने इस्लाम धर्म कबूल करने के बाद जहां से शादी कर ली थी. आरोप है कि इस महिला को सीरिया में इस्लामिक स्टेट मिशन द्वारा भर्ती किया गया था और जहां तो केवल एक गुर्गा ही है.जहां ने धर्म परिवर्तन के बाद हिन्दू युवती के उसके साथ विवाह के विवादास्पद मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेन्सी को सौंपने के शीर्ष अदालत का 16 अगस्त का आदेश वापस लेने का अनुरोध करते हुये 20 सितंबर को न्यायालय में एक आवेदन दायर किया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं