महिला सेना अधिकारियों की याचिका पर SC- मदद करना चाहते हैं पर कहीं तो सीमा रेखा खींचनी होगी

भारतीय सेना में महिला अफसरों के लिए स्थायी कमीशन के मामले को लेकर कुछ महिला अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

महिला सेना अधिकारियों की याचिका पर SC- मदद करना चाहते हैं पर कहीं तो सीमा रेखा खींचनी होगी

आर्मी में महिला अफसरों के स्थायी कमीशन के फैसले के बाद दूसरी याचिका हुई थी दाखिल.

खास बातें

  • आर्मी में महिला अफसरों के स्थायी कमीशन का मामला
  • 14 साल पूरे कर चुकी महिला अफसरों की याचिका खारिज
  • सेवा अवधि 20 साल करने की हुई थी मांग
नई दिल्ली:

भारतीय सेना में महिला अफसरों के लिए स्थायी कमीशन (Permanent Commission for Women Army Officers) के मामले को लेकर कुछ महिला अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. दरअसल, आर्मी में महिला अफसरों के स्थायी कमीशन को कोर्ट ने अपनी मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद उन महिला अफसरों ने एक याचिका दाखिल की, जिन्होंने कट ऑफ डेट के बाद विस्तार के लिए 14 साल की सेवा पूरी कर ली थी. उनकी मांग थी कि उनकी सेवा 20 साल की कर दी जाए ताकि उन्हें 20 साल के हिसाब से पेंशन और दूसरी सुविधाएं मिल सकें. कोर्ट ने यह याचिका खारिज करते हुए कहा कि 'हम मदद करना चाहते हैं लेकिन हमें कहीं तो एक सीमा रेखा खींचनी होगी.' 

लेकिन गुरुवार को इस याचिका पर हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अफसरों के एक बैच को अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि तब अन्य बैच भी इसी तरह के आदेश मांग सकते हैं. अदालत ने कहा कि ये याचिका एक तरह से सुप्रीम कोर्ट के सात फरवरी के उस आदेश पर पुनर्विचार की मांग कर रही है, जिसमें कहा गया था कि फैसले की तारीख से सभी महिला अफसरों को स्थायी कमीशन दिया जाएगा.

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जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा, 'हमारा फैसला था कि जिन्होंने फैसला आने वाले दिन तक 14 सालों तक की सेवा समाप्त कर ली है, उन्हें पेंशन और पीसी बेनेफिट्स मिलेंगे. कट-ऑफ दिन का फैसला है. अगर हमने इसमें बदलाव किया तो हमें आगे आने वाले बैच के लिए भी बदलाव करना पड़ेगा.'

सुप्रीम कोर्ट ने महिला अधिकारियों के आवेदन का निपटारा करते हुए कहा कि यह संभव नहीं है. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की वकील मीनाक्षी लेखी से कहा कि 'एक तरह से आप फैसले में संशोधन कि मांग कर रही हैं. यह संभव नहीं है. आप इस आवेदन को वापस ले लें. आप चाहें तो पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकती हैं.'

बता दें कि मार्च में इन महिला अधिकारियों के‌ 14 साल पूरे हुए थे और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सरकार ने 16 जुलाई से स्थायी कमीशन को लागू किया. सरकार ने कहा था कि अगर कट ऑफ डेट से समझौता करते रहे तो परेशानी खड़ी हो जाएगी. बड़े पैमाने पर महिला अधिकारियों कि लाइन लग जाएगी.

Video: रवीश कुमार का प्राइम टाइम : सेना में महिला अफ़सरों को स्थायी कमीशन का रास्‍ता साफ

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