यूपी के निर्दलीय बाहुबली विधायक विजय मिश्रा (Vijay Mishra) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी चुनाव के दौरान जमानत देने से इनकार कर दिया है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह जमानत के लिए उपयुक्त मामला नहीं है, हालांकि सबूतों की रिकॉर्डिंग होने के बाद याचिका को पुनर्जीवित किया जा सकता है.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि फिलहाल इस मामले में जमानत नहीं दी जा सकती. दरअसल भदोही की ज्ञानपुर विधानसभा सीट के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा फिलहाल उत्तर प्रदेश की आगरा सेंट्रल जेल में बंद हैं. लम्बे वक्त से विजय मिश्रा आगरा की सेंट्रल जेल में बंद हैं. मिश्रा पर कई तरह के आपराधिक मामले भी दर्ज हैं, वहीं आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई कर चुका है. इस आधार पर ही जिला पुलिस के मुकदमे पर संज्ञान लेते हुए ED मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से मिश्रा पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.
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2001 के चुनाव में मिश्रा खुद तो जीते साथ ही 4 सीटों पर दूसरों को भी जितवाया. विजय मिश्रा पहले दो बार सपा की टिकट पर विधायक रह चुके हैं. फिलहाल वह निर्दलीय विधायक हैं. इनकी बेटी भी साल 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं.
बहुचर्चित नंद गोपाल नंदी की हत्या की साजिश रचने का आरोप भी विजय मिश्रा पर लग चुका है. बीते कुछ सालों पहले दिल्ली पुलिस ने भी विजय मिश्रा को दिल्ली से पकड़ा था, जहां विजय मिश्रा भेष बदलकर रह रहा था. 2017 के चुनाव में जो शपथ पत्र दाखिल किया गया था, उसके मुताबिक, इन पर हत्या, हत्या के प्रयास और रेप व आपराधिक साजिश रचने जैसे गंभीर आरोपों वाले 16 मुकदमे थे.
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