नोटबंदी पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, पढ़ें - कोर्ट में क्या-क्या दलीलें दी गईं

नोटबंदी पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, पढ़ें - कोर्ट में क्या-क्या दलीलें दी गईं

प्रतीकात्मक फोटो

खास बातें

  • सरकार देखे कि लोगों को दिक्कत न हो : कोर्ट
  • हम सरकार की इकॉनोमी पोलिसी में दखल नहीं देंगे
  • केंद्र 25 नवंबर तक दाखिल करे हलफनामा
नई दिल्ली:

नोटबंदी के खिलाफ जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने कहा कि लोगों को परेशानी न हो इसका ध्यान सरकार रखे.

केंद्र क्या कदम उठा रहा है हलफनामा दें
CJI टीएस ठाकुर ने कहा कि केंद्र इस मामले में क्या कदम उठा रहा है, जिससे लोगों को परेशानी न हो. इस पर केंद्र सरकार कोर्ट में हलफनामा दाखिल करे. केंद्र को 25 नवंबर तक जवाब देना है.  कोर्ट ने साथ ही केंद्र से पूछा है कि आप विड्रॉल की लिमिट क्यों नहीं बढ़ाते. आम राय है कि इससे आम लोगों को दिक्कत हो रही है.

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पैसा जमा कराना होगा, वरना पैसा गया
CJI ने कहा कि जो लोग रुपया रखे हुए हैं उन्हें जमा करना होगा, वरना ये पैसा गया. इसे सर्जिकल स्ट्राइक कहो या बमबारी, लेकिन ये कॉलेट्रल डैमेज है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि हम सरकार की इकॉनोमी पोलिसी में दखल नहीं देंगे.

कालाधन, आतंक और ड्रग्स मामलों के लिए नोटबंदी जरूरी
केंद्र सरकार की ओर से AG ने कहा कि कालाधन, जाली नोट, आतंकवाद और ड्रग्स मामलों के लिए यह नोटबंदी जरूरी है. 14 नवंबर तक 3.25 लाख करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं. 30 दिसंबर तक का वक्त दिया है.

कालाधन के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक कीजिए, आम आदमी के खिलाफ नहीं : कपिल सिब्बल
याचिकाकर्ता की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कहा कि कालाधन के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक कीजिए, लेकिन आम आदमी के खिलाफ नहीं. केंद्र सरकार ने यह फैसला लागू करने में नियमों का पालन नहीं किया. RBI एक्ट के सेक्शन 26 ( 2) के तहत कानून पास करना होता है. ऐसा 1956 और 1978 में कानून बनाकर किया गया. सरकार के इस फैसले से आम लोगों की जिंदगी रुक गई है. उतराखंड, उत्तर पूर्वी राज्यों और बस्तर जैसे इलाकों में लोग बुरी तरह प्रभावित हैं जहां 30-30 किलोमीटर तक बैंक या एटीएम नहीं हैं. ये मेरा पैसा है, सरकार सिर्फ ट्रस्टी है, वह मेरा पैसा मुझे निकालने से कैसे रोक सकती है.

केंद्र ने एटीएम से 2400 और बैंक से एक हफ्ते में 24 हजार की लिमिट तय कर दी. किसी कानून में यह नहीं है कि लोगों को अपना पैसा लेने के लिए ID देनी होगी. मंडियां, बाजार, दुकानें सब बंद हो गई हैं. देश में 30 करोड़ बैंक खाते हैं, जिनमें से 43 फीसदी सरकारी कर्मचारियों के हैं. कई लोगों के पास पहचान पत्र और बैंक खाते नहीं हैं. किसी को इलाज के लिए 20 हजार रुपये चाहिए तो वह भी नहीं मिल पा रहे.

पीएम मोदी ने की थी घोषणा
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को टीवी पर प्रसारित देश के नाम संदेश में पांच सौ और एक हज़ार रुपए मूल्य के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी. सरकार ने दो हज़ार और पांच सौ रुपए के नए नोट जारी किए हैं.

लोग हैं परेशान
हफ्तेभर से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. एटीएम और बैंकों के बाहर लंबी लाइनें लगी हुई हैं. लोग बैंकों के आगे रात-रात भर जागकर लाइन लगा रहे हैं.


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