नई दिल्ली:
अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने टिप्पणी की कि राज्यपाल का कदम विधायी प्रक्रिया में हस्तक्षेप है। कोर्ट ने राज्यपाल द्वारा स्पीकर को संदेश भेजकर हाउस का एजेंडा बनाने के मामले में यह बात कही है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्पीकर को संदेश में हाउस को पहले की तरह चलाने के निर्देश से साफ है कि राज्यपाल ने विधानसभा के कामकाज में दखल दिया।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट राज्यपाल के उस संदेश की बात कर रहा है जब विधानसभा में स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव पास किया था। संविधान पीठ यह सुनवाई कर रही है कि क्या राज्यपाल विधानसभा का एजेंडा बना सकता है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्पीकर को संदेश में हाउस को पहले की तरह चलाने के निर्देश से साफ है कि राज्यपाल ने विधानसभा के कामकाज में दखल दिया।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट राज्यपाल के उस संदेश की बात कर रहा है जब विधानसभा में स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव पास किया था। संविधान पीठ यह सुनवाई कर रही है कि क्या राज्यपाल विधानसभा का एजेंडा बना सकता है या नहीं।
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