बैंक लॉकरों (Bank Lockers) के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आदेश दिया है. कोर्ट ने RBI को 6 महीने के भीतर लॉकर प्रबंधन पर बैंकों के लिए नियम बनाने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बैंक गलत धारणा के तहत हैं कि लॉकर में रखे सामान का पता नहीं होने से उन्हें देयता से छूट मिलती है. अदालत ने यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. ग्राहक को बिना बताए ताला खोलने पर यह जुर्माना लगाया गया है. SC ने कहा कि अगर वे अभी भी सेवा में हैं, तो बैंक कर्मचारियों से 5 लाख की वसूली की जाए.
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इसके अलावा अदालत ने याचिकाकर्ता को मुकदमेबाजी लागत के रूप में बैंक को एक लाख रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरबीआई को लॉकर के सामान के किसी भी नुकसान के लिए बैंकों की जिम्मेदारी पर नियमों को तय करना चाहिए. बैंक सार्वजनिक संपत्ति के संरक्षक हैं और लॉकरों की सामग्री की अज्ञानता का दावा करके ग्राहकों को इस तरह नहीं छोड़ सकते. बैंक लॉकर पर उपभोक्ताओं पर एकतरफा और अनुचित शर्त नहीं लगा सकते.
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