नई दिल्ली:
उत्तराखंड में लोकायुक्त की नियुक्ति जल्द होगी. उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लोकायुक्त बिल को लेकर कुछ संसोधन किए है और यह बिल अगले विधानसभा सत्र के दौरान पेश किया जाएगा और उस सत्र में बिल को पास कराके लोकायुक्त की नियुक्ति कर देंगे, लेकिन अभी इसमें 6 महीने का समय लगेगा क्योंकि अगला विधानसभा सत्र 6 महीने के बाद होगा. दरअसल, उत्तराखंड सरकार को लोकायुक्त की नियुक्त करने का निर्देश देने संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय से लोकायुक्त नियुक्त करने संबंधी अधिनियम की प्रति पेश करने के लिए कहा था.
याचिका में कहा गया कि लोकायुक्त को लेकर उत्तराखंड का अधिनियम बेहद अच्छा है और वर्ष 2011 में विधानसभा में सर्वसम्मति से इससे संबंधित विधेयक पारित हुआ था. याचिका में उत्तराखंड में उपायुक्त की नियुक्ति जल्द करने की गुहार की गई है. वर्ष 2013 से राज्य में लोकायुक्त का पद रिक्त है.
राज्य में 700 से अधिक भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतें लंबित हैं. उत्तराखंड के इस अधिनियम में लोकायुक्त के दायरे में मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री और सरकारी नौकर हैं. पूर्व मुख्यमंत्री, विधायक और सेवानिवृत्त सरकारी नौकर भी इसके दायरे में हैं. इसके तहत दोषियों को उम्रकैद की सजा और संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है.
याचिका में कहा गया कि लोकायुक्त को लेकर उत्तराखंड का अधिनियम बेहद अच्छा है और वर्ष 2011 में विधानसभा में सर्वसम्मति से इससे संबंधित विधेयक पारित हुआ था. याचिका में उत्तराखंड में उपायुक्त की नियुक्ति जल्द करने की गुहार की गई है. वर्ष 2013 से राज्य में लोकायुक्त का पद रिक्त है.
राज्य में 700 से अधिक भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतें लंबित हैं. उत्तराखंड के इस अधिनियम में लोकायुक्त के दायरे में मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री और सरकारी नौकर हैं. पूर्व मुख्यमंत्री, विधायक और सेवानिवृत्त सरकारी नौकर भी इसके दायरे में हैं. इसके तहत दोषियों को उम्रकैद की सजा और संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है.
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