सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने इटालियन सरकार की अर्जी पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है कि क्या इटालियन मरीन को इटली में रहने की इजाजत दी जाए? मामले की सुनवाई 28 सितंबर को होगी. मरीन लाटोरे की इटली में रहने की मियाद 30 सितंबर को खत्म हो रही है.
इटालियन सरकार ने अर्जी दाखिल कर कहा है मरीन लाटोरे को लेकर चल रही हेग की अदालत में जब तक कोई अंतिम फैसला नहीं आ जाता, उन्हें इटली में रहने की इजाजत दी जाए. इससे पहले भी मरीन को सुप्रीम कोर्ट ने यह इजाजत दी है इसलिए समानता के आधार पर लाटोरे को भी फिलहाल इटली में रहने की इजाजत दी जाए. वह भी कोर्ट की शर्तों का पालन करने को तैयार हैं.
गौरतलब है कि दो इतालवी नौसैनिकों पर फरवरी 2012 में केरल के पास समुद्र में दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वहीं इन नौसैनिकों का कहना था कि उन्होंने मछुआरों को समुद्री डाकू समझकर गोली चलाई थी. इस मामले में एक आरोपी मरीन पहले ही इटली लौट चुका है. हेग की अदालत ने दोनों मरीन के खिलाफ मेरिट के आधार पर मामले की सुनवाई जारी रखने का भी फैसला लिया है. लातोरे को साल 2014 में इलाज के लिए इटली वापस आने की इजाजत मिली थी, इससे पहले वह भारत में ही थे.
इटालियन सरकार ने अर्जी दाखिल कर कहा है मरीन लाटोरे को लेकर चल रही हेग की अदालत में जब तक कोई अंतिम फैसला नहीं आ जाता, उन्हें इटली में रहने की इजाजत दी जाए. इससे पहले भी मरीन को सुप्रीम कोर्ट ने यह इजाजत दी है इसलिए समानता के आधार पर लाटोरे को भी फिलहाल इटली में रहने की इजाजत दी जाए. वह भी कोर्ट की शर्तों का पालन करने को तैयार हैं.
गौरतलब है कि दो इतालवी नौसैनिकों पर फरवरी 2012 में केरल के पास समुद्र में दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वहीं इन नौसैनिकों का कहना था कि उन्होंने मछुआरों को समुद्री डाकू समझकर गोली चलाई थी. इस मामले में एक आरोपी मरीन पहले ही इटली लौट चुका है. हेग की अदालत ने दोनों मरीन के खिलाफ मेरिट के आधार पर मामले की सुनवाई जारी रखने का भी फैसला लिया है. लातोरे को साल 2014 में इलाज के लिए इटली वापस आने की इजाजत मिली थी, इससे पहले वह भारत में ही थे.
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