विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Jan 07, 2021

किसानों को COVID से सुरक्षा नहीं मिली, तो तबलीगी जमात जैसे हालात पैदा हो सकते हैं : CJI

सुप्रीम कोर्ट ने तबलीगी जमात मामले में सुनवाई के दौरान किसानों के इकट्ठा होने को लेकर चिंता जताई है. सीजेआई ने कहा कि अगर बचाव के कदम नहीं उठाए गए तो यह दूसरा तबलीगी जमात बन जाएगा.

Read Time: 3 mins
किसानों को COVID से सुरक्षा नहीं मिली, तो तबलीगी जमात जैसे हालात पैदा हो सकते हैं : CJI
किसानों के एक जगह इकट्ठा होने से सुप्रीम कोर्ट चिंतित. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

किसान आंदोलन (Farmer Protest) में कोविड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र से पूछा कि किसान आंदोलन में कोविड को लेकर क्या नियमों का पालन किया जा सकता है? CJI एस ए बोबडे ने कहा कि 'हमें नहीं पता कि किसान कोविड-19 (Coronavirus) से सुरक्षित हैं या नहीं? अगर नियमों का पालन नहीं किया गया तो तबलीगी जमात की तरह दिक्कत हो सकती है. पहले तबलीगी जमा हुए फिर अब किसान जमा हो गए. मुझे नहीं पता कि किसानों को कोविड से प्रोटेक्शन है क्या? हमें मुख्य समस्या पर बात करनी होगी.' CJI ने केंद्र से कहा कि वो से सुनिश्चित करे कि किसान आंदोलन में कोविड प्रोटोकॉल का पालन हो. केंद्र की ओर ये पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वहां नियमों का पालन नहीं हो रहा है. 

सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी निजामुद्दीन मरकज में जमातियों के जुटने की CBI जांच की याचिका पर सुनवाई के दौरान की. याचिकाकर्ता का कहना था कि मोहम्मद साद को गिरफ्तार नहीं किया गया है. केंद्र ने कहा कि वो दो हफ्ते में जवाब दाखिल करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को वक्त दे दिया है.

इससे पहले केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में जमातियों के जुटने की CBI जांच की जरूरत नहीं है. SC से केंद्र ने कहा कि दिल्ली पुलिस डे टू डे बेसिस पर मामले की जांच कर रही है. जल्द ही इस मामले में अदालत में जांच रिपोर्ट दाखिल की जाएगी. अगर सुप्रीम कोर्ट कहेगा तो इस मामले की जांच से जुड़ी जानकारियों की सील बंद स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने को तैयार है.

यह भी पढ़ें : सर्दी, बारिश के बावजूद डटे हुए हैं किसान, प्रदर्शन तेज करने की दी चेतावनी

अदालत में दायर याचिका में सवाल उठाया गया है था आखिर कोविड-19 के कारण देशभर में किए गए लॉकडाउन के दौरान भला किस तरह से निजामुद्दीन मरकज में देश-विदेश के लोग बड़ी तादाद में साथ थे. याचिकाकर्ता ने कोरोनावायरस से लोगों के जीवन की सुरक्षा में लापरवाह रवैया अपनाने को लेकर केंद्र  और दिल्ली सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाया था. याचिका में तबलीगी जमात सम्मेलन के पहलुओं पर सीबीआई (CBI) जांच की मांग की गई है.

जम्मू की रहने वाली वकील सुप्रिया पंडिता द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि विदेशी प्रतिनिधियों समेत बड़े पैमाने पर लोगों के एकत्र होने कि अनुमति कैसे दी गई, जबकि दुनिया भर में कोरोना महामारी का खतरा मंडरा रहा था. याचिका में दिल्ली और देश के लाखों नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरे में डालने के लिए केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया है गया है.

सिंघू बॉर्डर : फॉगिंग मशीन ले आए पंजाब के किसान, पानी जमा होने से खड़ी हुई परेशानी

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
मैं जिस सदन से आया हूं उसकी कुर्सी बहुत ऊंची... बिरला को बधाई देते हुए इशारों ही इशारों में बहुत कुछ कह गए अखिलेश
किसानों को COVID से सुरक्षा नहीं मिली, तो तबलीगी जमात जैसे हालात पैदा हो सकते हैं : CJI
प्रगति मैदान के ढीले काम को दे दी थी रफ्तार, जानें NTA के नए चीफ प्रदीप खरोला कौन हैं?
Next Article
प्रगति मैदान के ढीले काम को दे दी थी रफ्तार, जानें NTA के नए चीफ प्रदीप खरोला कौन हैं?
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;