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This Article is From Jun 23, 2017

गर्भपात के लिए महिला ने दी याचिका : सुप्रीम कोर्ट ने 7 डॉक्टरों का पैनल गठित किया

कोलकाता की 24 हफ्ते की गर्भवती महिला के गर्भपात कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता में सात डॉक्टरों के पैनल का मेडिकल बोर्ड बनाकर जांच कराने के आदेश दिए.

गर्भपात के लिए महिला ने दी याचिका : सुप्रीम कोर्ट ने 7 डॉक्टरों का पैनल गठित किया
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए मेडिकल बोर्ड गठित किया
29 जून को रिपोर्ट होगी पेश, जिसके बाद फैसला
मां का कहना है कि गर्भ में पल रहे बच्चे को गंभीर बीमारियां
नई दिल्ली: कोलकाता की 24 हफ्ते की गर्भवती महिला के गर्भपात कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता में सात डॉक्टरों के पैनल का मेडिकल बोर्ड बनाकर जांच कराने के आदेश दिए. 29 जून को रिपोर्ट सीलबंद कवर में सौंपी जाएगी. 29 जून को ही सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि महिला का गर्भपात कराया जा सकता है या नहीं. 

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि एक्ट में सिर्फ भ्रूण नहीं बल्कि मां की जिंदगी के बारे में कहा गया है. अगर बच्चा पैदा होने के बाद कोमा में रहे या कुछ महसूस ना करे तो मां की जिंदगी कैसी रहेगी? वहीं राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने इस मामले में पहले ही सात डाक्टरों के पैनल का गठन किया है. 

33 साल की इस महिला का कहना है कि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को गंभीर बीमारियां हैं, जिसके चलते उसके बचने की उम्मीद कम है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मेडिकल बोर्ड का गठन करने का फैसला किया है और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान महिला की ओर से कहा गया कि 25 मई को उसकी जांच के दौरान ये पता चला कि गर्भ में पल रहे बच्चे को दिल संबंधी गंभीर बीमारी है. इसके बाद 30 मई को फिर से मेडिकल परीक्षण कराए गए और इस बात की पुष्टि हो गई, लेकिन तब तक उसका गर्भ 20 हफ्ते से ऊपर हो चुका था. इसलिए वो गर्भपात नहीं करा पाई. अर्जी में कहा गया है कि बच्चे के बचने की उम्मीद कम है इसलिए वो परेशान है. कोर्ट ने कहा कि वो इसके लिए मेडिकल बोर्ड का गठन करेगा ताकि ये पता चल सके कि क्या बच्चे या मां को किसी तरह का खतरा है. कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है और शुक्रवार को सुनवाई तय की है. गौरतलब है कि देश में कानून के मुताबिक 20 हफ्ते के भ्रूण का गर्भपात कराया जा सकता है. इसी को लेकर पहले भी सुप्रीम कोर्ट में कई मामले आ चुके हैं.

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