शरणार्थियों के लिए खाद्य सुरक्षा लागू करने की याचिका पर SC ने केंद्र को जारी किया नोटिस

याचिकाकर्ता ने संविधान के अनुच्छेद 21 की दुहाई देते हुए कहा कि शरणार्थियों को भी गरिमा से जीने का अधिकार है लेकिन वो संरक्षण के अभाव में कचरा बीनने का काम करने को मजबूर हैं क्योंकि महामारी के दौरान भी उनके लिए सरकार ने कोई नीति नहीं बनाई.

शरणार्थियों के लिए खाद्य सुरक्षा लागू करने की याचिका पर SC ने केंद्र को जारी किया नोटिस

जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है (प्रतीकात्‍मक फोटो)

नई दिल्‍ली :

शरणार्थियों के लिए खाद्य सुरक्षा ( food security for refugees) लागू करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.  म्यांमार के रोहिंग्या, अफगानी, इराकी, सूडानी, ईरानी, केमरून और फिलिस्तीन से आए शरणार्थियों के लिए खाद्य सुरक्षा की गुहार लगाने वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने फैजल अब्दाली की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि क्या खाद्य सुरक्षा के प्रावधान महामारी प्रोटोकॉल समाप्त होने के बाद भी हैं? 

कोरोना के नए वेरिएंट 'ओमिक्रॉन' पर है पूरी नजर, तैयारियों में कोताही नहीं : मनीष सिसोदिया

याचिकाकर्ता ने संविधान के अनुच्छेद 21 की दुहाई देते हुए कहा कि शरणार्थियों को भी गरिमा से जीने का अधिकार है लेकिन वो संरक्षण के अभाव में कचरा बीनने का काम करने को मजबूर हैं क्योंकि महामारी के दौरान भी उनके लिए सरकार ने कोई नीति नहीं बनाई. UNHCR के मुताबिक 31 जनवरी 2020 तक भारत में दो लाख 44 हजार 201 शरणार्थी रह रहे हैं, इनमें से श्रीलंका और तिब्बत से आए दो लाख  तीन हजार 235 शरणार्थी हैं जबकि बाकी अन्य देशों से 40 हजार 900 शरणार्थी हैं..दो हजार से ज्यादा शरणार्थी UNHCR में  बिना रजिस्ट्रेशन कराए रह रहे हैं क्योंकि कोरोना के दौरान  प्रक्रिया सही नहीं चल पाई. 

महाराष्ट्र के वृद्धाश्रम में 'कोविड ब्लास्ट', एक साथ 67 लोग पाए गए कोरोना पॉजिटिव

याचिका में कहा गया है कि UNHCR में निबंधित हरेक शरणार्थियों को बिना आधार, राशन कार्ड या अन्य किसी दस्तावेजी सबूत के यानी सिर्फ रजिस्ट्रेशन कार्ड के आधार पर सूखा राशन देना सुनिश्चित कराया जाए. दिन में तीन वक्त मुफ्त में पकाया हुआ पौष्टिक भोजन मुहैया कराया जाए. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए जिसे शरणार्थी किसी भी जरूरत के समय मिल सकें. 

संसद में कृषि कानून वापसी बिल पारित, चर्चा नहीं कराए जाने को लेकर विपक्ष ने किया हंगामा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com