सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
हरियाणा के जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में हुए गैंगरेप मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को विशेष आदेश दिया है. अपने आदेश में कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई जल्द से जल्द कराने को कहा है. कोर्ट ने इस मामले को पांच महीने के भीतर ही निपटाने की बात भी की है. गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा दी गई सजा को निलंबति कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के इस आदेश को जारी रखने की बात कही है.
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हालांकि इस मामले के तीसरे आरोपी विकास गर्ग को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. वह अपील के दौरान जमानत पर बाहर रहेगा. वहीं मामले के दो अन्य आरोपी हार्दिक और करम मामले की सुनवाई पूरी होने तक जेल में ही रहेंगे. ध्यान हो कि पिछले साल 6 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता की अर्जी पर आरोपी छात्रों से जवाब भी मांगा था. खास बात यह है कि हाईकोर्ट ने पिछले साल ही तीनों लॉ छात्रों की सजा पर रोक लगा दी थी. इन छात्रों को दो साल पहले कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा को ब्लैकमेल करने और उसके साथ गैंगरेप करने का दोषी पाया गया था.
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इस मामले में निचली अदालत ने मुख्य आरोपी हार्दिक और उसके दोस्त करण को 20-20 साल की सजा सुनाई थी. वहीं इस मामले में शामिल तीसरे आरोपी विकास गर्ग को सात साल की सजा सुनाई गई थी. निजली अदालत से सजा का एलान होने के बाद तीनों ने हाईकोर्ट में अपील की थी.
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बाद में उन्होंने हाईकोर्ट में मामला लंबित होने की वजह से जमानत पर रिहा करने की मांग की थी. उनकी इस अर्जी को मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने उनकी सज़ा निलंबित कर दी ओर शर्त लगा दी कि इस दौरान तीनों देश छोडकर नहीं जाएंगे.
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हालांकि इस मामले के तीसरे आरोपी विकास गर्ग को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. वह अपील के दौरान जमानत पर बाहर रहेगा. वहीं मामले के दो अन्य आरोपी हार्दिक और करम मामले की सुनवाई पूरी होने तक जेल में ही रहेंगे. ध्यान हो कि पिछले साल 6 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता की अर्जी पर आरोपी छात्रों से जवाब भी मांगा था. खास बात यह है कि हाईकोर्ट ने पिछले साल ही तीनों लॉ छात्रों की सजा पर रोक लगा दी थी. इन छात्रों को दो साल पहले कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा को ब्लैकमेल करने और उसके साथ गैंगरेप करने का दोषी पाया गया था.
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इस मामले में निचली अदालत ने मुख्य आरोपी हार्दिक और उसके दोस्त करण को 20-20 साल की सजा सुनाई थी. वहीं इस मामले में शामिल तीसरे आरोपी विकास गर्ग को सात साल की सजा सुनाई गई थी. निजली अदालत से सजा का एलान होने के बाद तीनों ने हाईकोर्ट में अपील की थी.
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बाद में उन्होंने हाईकोर्ट में मामला लंबित होने की वजह से जमानत पर रिहा करने की मांग की थी. उनकी इस अर्जी को मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने उनकी सज़ा निलंबित कर दी ओर शर्त लगा दी कि इस दौरान तीनों देश छोडकर नहीं जाएंगे.
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