सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
खरीदारों को फ्लैट ना देने का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के निदेशकों पर शिकंजा और कसा है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा की पुलिस को 7 जगहों को सील करने के आदेश दिए जहां कागजात रखे हैं. कोर्ट ने बिहार पुलिस को राजगीर और बक्सर के ऑफिस को भी सील करने के आदेश दिए.
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के तीनों डायरेक्टरों को सुप्रीम कोर्ट में तलब किया. कोर्ट गुरुवार को तय करेगा कि आम्रपाली के तीन डायरेक्टरों को पुलिस हिरासत में रखा जाए या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि वह आम्रपाली के तीन डायरेक्टरों को पुलिस लॉकअप में न रखकर पुलिस स्टेशन में रखे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 9 जगहों पर फोरेंसिक टीम के अलावा कोई भीतर नहीं जाएगा.
दरअसल आम्रपाली के तीनों निदेशकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका में कहा था कि उन्हें लॉक अप में ना रखा जाए. उन्हें घर में या किसी गेस्ट हाउस में रखा जा सकता है. याचिका में ये भी कहा गया कि वो रात को ऑडिटर्स को कागजात देना चाहते थे लेकिन वो उपलब्ध नहीं थे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन 9 जगहों को सील कर चाबी सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को दी जाएगी. इसके बाद खाते संबंधी कागजात के लिए सिर्फ फोरेंसिक ऑडिटर्स की टीम ही इन जगहों पर जा सकेगी या उनके द्वारा प्राधिकृत व्यक्ति. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के CMD और दोनों निदेशकों से लिखित अंडरटेकिंग ली कि खाते संबंधी कागजात इन जगहों को छोडकर कहीं और नहीं रखे हैं.
कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि अंडरटेकिंग सही नहीं पाई गई तो ये उल्लंघन का मामला होगा. फ्लैट खरीदारों की तरफ से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि जब तक पूरे दस्तावेज नहीं आ जाते तब तक वो पुलिस हिरासत में रहेंगे. मंगलवार को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली तीन डायरेक्टरो अनिल शर्मा, शिवप्रिय और अजय कुमार को पुलिस कस्टडी में भेजा था. कोर्ट ने कहा था कि जब तक सारे दस्तावेज़ ऑडिटर्स को उपलब्ध नहीं कराते तब तक पुलिस हिरासत में रहेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के तीनों डायरेक्टरों को सुप्रीम कोर्ट में तलब किया. कोर्ट गुरुवार को तय करेगा कि आम्रपाली के तीन डायरेक्टरों को पुलिस हिरासत में रखा जाए या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि वह आम्रपाली के तीन डायरेक्टरों को पुलिस लॉकअप में न रखकर पुलिस स्टेशन में रखे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 9 जगहों पर फोरेंसिक टीम के अलावा कोई भीतर नहीं जाएगा.
दरअसल आम्रपाली के तीनों निदेशकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका में कहा था कि उन्हें लॉक अप में ना रखा जाए. उन्हें घर में या किसी गेस्ट हाउस में रखा जा सकता है. याचिका में ये भी कहा गया कि वो रात को ऑडिटर्स को कागजात देना चाहते थे लेकिन वो उपलब्ध नहीं थे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन 9 जगहों को सील कर चाबी सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को दी जाएगी. इसके बाद खाते संबंधी कागजात के लिए सिर्फ फोरेंसिक ऑडिटर्स की टीम ही इन जगहों पर जा सकेगी या उनके द्वारा प्राधिकृत व्यक्ति. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के CMD और दोनों निदेशकों से लिखित अंडरटेकिंग ली कि खाते संबंधी कागजात इन जगहों को छोडकर कहीं और नहीं रखे हैं.
कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि अंडरटेकिंग सही नहीं पाई गई तो ये उल्लंघन का मामला होगा. फ्लैट खरीदारों की तरफ से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि जब तक पूरे दस्तावेज नहीं आ जाते तब तक वो पुलिस हिरासत में रहेंगे. मंगलवार को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली तीन डायरेक्टरो अनिल शर्मा, शिवप्रिय और अजय कुमार को पुलिस कस्टडी में भेजा था. कोर्ट ने कहा था कि जब तक सारे दस्तावेज़ ऑडिटर्स को उपलब्ध नहीं कराते तब तक पुलिस हिरासत में रहेंगे.
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