नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के दस करोड़ रजिस्ट्री में जमा करने का वक्त 20 मार्च तक बढ़ा दिया है. सुपरटेक ने अर्जी में कहा था कि वह नोटबंदी के कारण 3 जनवरी तक दस करोड़ रुपये जमा नहीं करा पाया. कोर्ट ने कहा कि अब और वक्त नहीं बढ़ाया जाएगा.
नोएडा एक्सप्रेस-वे पर बनी सुपरटेक इमरेल्ड कोर्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 3 जनवरी तक सुपरटेक को दस करोड़ रुपये रजिस्ट्री में जमा करने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो खरीदार फैसला आने तक इंतजार नहीं करना चाहते और रिफंड चाहते हैं, वह भ्रम में क्यों रहें?
वहीं NBCC ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सील बंद रिपोर्ट सौंपी थी. कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई पर NBCC के अफसर भी कोर्ट में मौजूद रहें और बताएं कि क्या टावरों का निर्माण नियमों के मुताबिक है या नहीं?
सुप्रीम कोर्ट ने NBCC यानी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन को चार हफ्ते के भीतर टावरों का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने कहा था कि NBCC बताए कि इमरेल्ड कोर्ट के निर्माण में नियमों का पालन किया गया है या नहीं. रिपोर्ट में बताएं कि क्या दोनों टावरों के बीच में नियम के मुताबिक, दूरी रखी गई है या नहीं? इसके बाद NBCC ने सीलबंद रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी थी. इस रिपोर्ट में कहा गया कि दोनों टावरों के बीच में नियम के मुताबिक दूरी नहीं है.
दरअसल, नोएडा के 40 मंजिला ट्विन टावर इमरेल्ड कोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सुपरटेक कंपनी को बड़ा झटका देते हुए कंपनी को कहा था कि सोमवार तक 5 करोड़ रुपये सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराएं. कोर्ट ने कहा था कि जब तक आप पैसा नहीं जमा कराते तब तक हम आपकी याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट नोएडा एक्सप्रेस-वे पर बनी इमरेल्ड कोर्ट की 40 मंजिली दो टावरों के मामले की सुनवाई कर रहा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों टावरों को अवैध घोषित कर गिराने के आदेश दिए थे, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी और टावर को सील करने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने 14 फीसदी ब्याज के साथ खरीदारों को रकम वापस करने के लिए कहा था.
नोएडा एक्सप्रेस-वे पर बनी सुपरटेक इमरेल्ड कोर्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 3 जनवरी तक सुपरटेक को दस करोड़ रुपये रजिस्ट्री में जमा करने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो खरीदार फैसला आने तक इंतजार नहीं करना चाहते और रिफंड चाहते हैं, वह भ्रम में क्यों रहें?
वहीं NBCC ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सील बंद रिपोर्ट सौंपी थी. कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई पर NBCC के अफसर भी कोर्ट में मौजूद रहें और बताएं कि क्या टावरों का निर्माण नियमों के मुताबिक है या नहीं?
सुप्रीम कोर्ट ने NBCC यानी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन को चार हफ्ते के भीतर टावरों का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने कहा था कि NBCC बताए कि इमरेल्ड कोर्ट के निर्माण में नियमों का पालन किया गया है या नहीं. रिपोर्ट में बताएं कि क्या दोनों टावरों के बीच में नियम के मुताबिक, दूरी रखी गई है या नहीं? इसके बाद NBCC ने सीलबंद रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी थी. इस रिपोर्ट में कहा गया कि दोनों टावरों के बीच में नियम के मुताबिक दूरी नहीं है.
दरअसल, नोएडा के 40 मंजिला ट्विन टावर इमरेल्ड कोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सुपरटेक कंपनी को बड़ा झटका देते हुए कंपनी को कहा था कि सोमवार तक 5 करोड़ रुपये सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराएं. कोर्ट ने कहा था कि जब तक आप पैसा नहीं जमा कराते तब तक हम आपकी याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट नोएडा एक्सप्रेस-वे पर बनी इमरेल्ड कोर्ट की 40 मंजिली दो टावरों के मामले की सुनवाई कर रहा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों टावरों को अवैध घोषित कर गिराने के आदेश दिए थे, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी और टावर को सील करने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने 14 फीसदी ब्याज के साथ खरीदारों को रकम वापस करने के लिए कहा था.
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