सुप्रीम कोर्ट ने CBSE और CICSE बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार और बोर्ड दोनों ही छात्रों को लेकर चिंतित हैं. इसलिए परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि 20 लाख बच्चे परीक्षा में बैठेंगे. इसके लिए संसाधनों का इंतजाम भी करना होगा. इस बात की कौन जिम्मेदारी लेगा? ये भी पता नहीं है कि परीक्षा हो भी पाएगी या नहीं. बोर्ड ने छात्रों की बात सुनकर ही ये फैसला लिया है कि परीक्षा को रद्द किया जाए और इस स्कीम पर अदालत ने भी मुहर लगाई है. अब हम इसी पर रहना चाहते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि परीक्षा तो रखी गई है. यदि आप उपस्थित होना चाहते हैं तो आप हो सकते हैं यदि आप परीक्षा देने के इच्छुक हैं तो आप दे सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम परीक्षा रद्द करने के निर्णय का समर्थन कर चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने CBSE और CICSE बोर्ड की 12वीं की परीक्षा के लिए दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ये मांग संभव नहीं है और इससे अनिश्चितता फैलेगी.
दरअसल, सुनवाई के दौरान विकास सिंह के सुझाव पर कोर्ट ने एजी से पूछा था कि क्या छात्रों को शुरू में ही मौका नहीं दिया जा सकता था कि वो लिखित परीक्षा या आंतरिक मूल्यांकन में से कोई एक विकल्प चुन लें?
इस पर AG के के वेणुगोपाल ने कहा कि ये सुझाव छात्रों के हित में नहीं है. स्कीम के तहत छात्रों को दोनों विकल्प मिल रहा है. अगर वो आंतरिक मूल्यांकन में मिले नंबरों से संतुष्ट नहीं होंगे, तो लिखित परीक्षा का विकल्प चुन सकते हैं. लेकिन अगर वो सिर्फ लिखित परीक्षा चुनते हैं, तो फिर आंतरिक मूलयांकन में मिले नंबर नहीं गिने जाएंगे.
बाद में जस्टिस महेश्वरी ने भी कहा कि शुरुआत में छात्रों को ये अंदाजा ही नहीं होगा कि उन्हें आंतरिक मूल्यांकन में कितने नम्बर मिलेंगे. लिहाजा लिखित परीक्षा /आतंरिक मूलयांकन में से एक को चुनना उनके लिए भी मुश्किल होगा.
बता दें कि याचिकाकर्ता की ओर से विकास सिंह ने कहा था कि अगर परीक्षा करना संभव नहीं है तो पहले ही छात्रों को ये विकल्प दिया जाना चाहिए था कि वो लिखित परीक्षा देना चाहते हैं या सीबीएसई या ICSE की इंटरनल मार्किंग स्कीम चुनना चाहते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने CBSE और CICSE की स्कीम पर लगाई मुहर
सुप्रीम कोर्ट ने CBSE और CICSE की स्कीम पर मुहर लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये फैसला बड़े जनहित में लिया गया है. ये स्कीम सही और वाजिब है और अदालत को इसमें दखल देने का कोई कारण नहीं दिख रहा है.
12वीं क्लास के लिए CBSE ने कहा है कि परिणामों की गणना के संबंध में विवाद एक समिति को भेजे जाएंगे. वैकल्पिक परीक्षा के लिए पंजीकरण की ऑनलाइन सुविधा होगी. अगर अनुकूल स्थिति रहती है तो ये परीक्षा 15 अगस्त से 15 सितंबर 2021 के बीच संभावित रूप से आयोजित की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वैकल्पिक परीक्षा में प्राप्त अंकों को अंतिम अंक माना जाएगा. परीक्षा परिणाम 31 जुलाई तक घोषित होंगे.
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