रेप पीड़ित बच्ची को मुआवजा न मिलने से सुप्रीम कोर्ट नाराज, केंद्र सरकार से जवाब-तलब

कोर्ट ने इस मामले में चंडीगढ़ प्रशासन और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट 22 अगस्त को मामले की सुनवाई करेगा.

रेप पीड़ित बच्ची को मुआवजा न मिलने से सुप्रीम कोर्ट नाराज, केंद्र सरकार से जवाब-तलब

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • 10 वर्षीय बच्ची ने गुरुवार को दिया एक बच्चे को जन्म
  • सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा न दिए जाने पर नाराजगी जताई
  • कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन और केंद्र सरकार से जवाब मांगा
नई दिल्ली:

चंडीगढ़ के सरकारी अस्पताल में 10 साल की रेप पीड़ित बच्ची ने गुरुवार को बेटी को जन्म दिया था. इस बच्ची से उसके मामा ने कई बार रेप किया था. बच्ची सेक्टर 32 के गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बीते दो दिनों से भर्ती थी. चिकित्सकों का एक दल उसके स्वास्थ्य की निगरानी में लगा था.

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केंद्र सरकार से जवाब-तलब
इस मामले की शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने बच्ची को मुआवजा न दिए जाने पर नाराजगी जताई है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन के मामले में चार्जशीट दाखिल करने तक इंतजार करने को भी बेतुका करार दिया. कोर्ट ने इस मामले में चंडीगढ़ प्रशासन और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट 22 अगस्त को मामले की सुनवाई करेगा. एमिक्स क्यूरी इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट को बताया कि चंडीगढ में केस चार्जशीट दाखिल होने तक रेप पीड़ित को मुआवजा नहीं दिया जाता. अभी तक उसे सिर्फ दस हजार रुपये ही दिए गए हैं. पीड़ित बच्ची को 10 लाख रुपये मुआवजा दिलाया जाए.

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28 जुलाई को गर्भपात की याचिका खारिज की 
गौरतलब है कि 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने 32 हफ्ते की गर्भवती 10 साल की बलात्कार पीड़ित के गर्भपात की अनुमति के लिए दायर याचिका खारिज कर दी थी. इससे पहले कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का अवलोकन किया. इसमें कहा  गया था कि गर्भपात करना इस लड़की और उसके गर्भ के लिए अच्छा नहीं होगा. चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर और जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने पीजीआई, चंडीगढ़ द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का संज्ञान लिया. पीठ ने इस समय बलात्कार पीड़ित की मेडिकल देखभाल से संतोष व्यक्त किया और उसके गर्भपात की अनुमति के लिए दायर याचिका खारिज कर दी थी.  
 


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