प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सल हिंसा के खिलाफ की गई बड़ी कार्रवाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट से मुठभेड़ की एसआईटी जांच कराने की मांग की गई है. कोर्ट में याचिकाकर्ता ने मुठभेड़ से जुड़े हुए कुछ फोटोग्राफ पेश किए जिस पर राज्य सरकार ने आपत्ति दर्ज की है.
राज्य सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ता ने मुठभेड़ को लेकर तस्वीरें लगाई हैं. इसमें महिला की तस्वीर भी है जबकि मुठभेड़ में कोई महिला शामिल नहीं थी. कोर्ट ने राज्य सरकार की आपत्ति को संज्ञान पर लेते हुए मामले में याचिकाकर्ता से हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह कोर्ट में कोई दूसरी तस्वीर पेश नहीं की जा सकती. अगर यह दावे सही नहीं पाए गए तो याचिकाकर्ता परिणाम भुगतने को तैयार रहे. कोर्ट ने कहा कि अगर ये दावे सही हैं तो कोर्ट मामले में आगे बढ़ने को तैयार है. कोर्ट ने राज्य सरकार से भी अपना पक्ष रखने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट 29 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई करेगा.
VIDEO : मुठभेड़ में पांच आतंकी में मारे गए
दरअसल सुकमा में छह अगस्त को हुई मुठभेड़ को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. सिविल लिबर्टी कमेटी के नारायण राव ने मामले में याचिका दायर की है. उन्होंने कहा है कि इसमें निर्दोष महिलाओं को भी निशाना बनाया गया. याचिका में कहा गया है कि सुरक्षा बलों ने अंधाधुंध फायरिंग कर करीब 80 आदिवासियों की जान ले ली. उन्होंने कहा कि इस केस को लेकर वे हाईकोर्ट नहीं जा सकते क्योंकि उन्हें धमकी दी गई है. सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में SIT का गठन करे और जांच कराए.
राज्य सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ता ने मुठभेड़ को लेकर तस्वीरें लगाई हैं. इसमें महिला की तस्वीर भी है जबकि मुठभेड़ में कोई महिला शामिल नहीं थी. कोर्ट ने राज्य सरकार की आपत्ति को संज्ञान पर लेते हुए मामले में याचिकाकर्ता से हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह कोर्ट में कोई दूसरी तस्वीर पेश नहीं की जा सकती. अगर यह दावे सही नहीं पाए गए तो याचिकाकर्ता परिणाम भुगतने को तैयार रहे. कोर्ट ने कहा कि अगर ये दावे सही हैं तो कोर्ट मामले में आगे बढ़ने को तैयार है. कोर्ट ने राज्य सरकार से भी अपना पक्ष रखने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट 29 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई करेगा.
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दरअसल सुकमा में छह अगस्त को हुई मुठभेड़ को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. सिविल लिबर्टी कमेटी के नारायण राव ने मामले में याचिका दायर की है. उन्होंने कहा है कि इसमें निर्दोष महिलाओं को भी निशाना बनाया गया. याचिका में कहा गया है कि सुरक्षा बलों ने अंधाधुंध फायरिंग कर करीब 80 आदिवासियों की जान ले ली. उन्होंने कहा कि इस केस को लेकर वे हाईकोर्ट नहीं जा सकते क्योंकि उन्हें धमकी दी गई है. सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में SIT का गठन करे और जांच कराए.
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