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This Article is From Oct 01, 2017

मुहर्रम पर्व के मद्देनजर संवेदनशील स्थानों पर कड़े सुरक्षा इंतजाम

जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर और पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में विशेष सतर्कता

मुहर्रम पर्व के मद्देनजर संवेदनशील स्थानों पर कड़े सुरक्षा इंतजाम
प्रतीकात्मक फोटो.
  • जम्मू-कश्मीर में पाबंदियां लागू की गईं
  • कोलकाता में घाटों पर पुलिस तैनात
  • कश्मीर में शिया समुदाय निकाल सकता है जुलूस
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नई दिल्ली: मुहर्रम पर्व के मद्देनजर देश के विभिन्न संवेदनशील राज्यों और शहरों में सतर्कता बरती जा रही है और सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में मुहर्रम के मद्देनजर एहतियाती तौर पर कई हिस्सों में पाबंदियां लागू हैं. फश्चिम बंगाल में कोलकाता में दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन और मुहर्रम के मद्देनजर पुलिस एवं नगर निकाय अधिकारियों ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं.

कोलकाता में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन मुहर्रम के दिन भी होगा. कोलकाता में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी घाटों के पास विशेष निगरानी कर रहे हैं.

श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट (उपायुक्त) सैयद आबिद राशिद शाह ने बताया कि शहर के 13 पुलिस थानों के तहत आने वाले इलाकों में पाबंदियां लगी हुई हैं. अधिकारी ने बताया कि लगातार दूसरे दिन शहर के आठ पुलिस थाना इलाकों में प्रतिबंध जारी है. कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए आज सुबह पांच और इलाकों में पाबंदियां लागू की गईं.

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कारन नगर, शहीद गुंज, बटमालू, शेरगारी, मैसुमा, कोठीबाग, क्रालखुद और राम मुंशी बाग पुलिस थाना इलाकों में पाबंदियां लागू की गई हैं. रैनवारी, नौहट्टा, खानयार, एम आर गुंज और सफा कदाल में भी शनिवार को सुबह आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 के तहत पाबंदियां लागू की गई हैं.

जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि शिया समुदाय मुहर्रम के दसवें दिन जुलूस निकाल सकता है जिसके कारण शांति तथा कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंकाएं हैं. उन्होंने बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस बात की पक्की जानकारी है कि कुछ असामाजिक तत्व जुलूस में बाधा डाल सकते हैं और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समस्या पैदा कर सकते हैं जिससे शांति एवं सामाजिक सामंजस्य बिगड़ सकता है तथा जान-माल की हानि हो सकती है.

VIDEO : अदालत ने किया सवाल

शाह ने कहा कि शांति बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए पूर्ववर्ती तरीके से ही धार्मिक समुदाय के लोग एकत्रित हो सकें, इसके लिए धारा 144 के तहत पाबंदियां लागू की गई है. पारंपरिक मुहर्रम जुलूस इन्हीं इलाकों से होकर गुजरता रहा है लेकिन वर्ष 1990 में आतंकवाद बढ़ने के बाद से इस पर रोक रही है. बहरहाल, घाटी के अन्य हिस्सों में जनजीवन सामान्य है.
(इनपुट एजेंसियों से भी)

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