Rafale Fighter Jet: भारत को अपना पहला राफेल (Rafale) विमान मिल गया है. वायुसेना ने फ्रांस में दसॉ एविएशन (Dassault Aviation) विनिर्माण सुविधा से पहला लड़ाकू विमान प्राप्त किया. हालांकि आधिकारिक तौर पर भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) में राफेल (Rafale) को 8 अक्टूबर को शामिल किया जाएगा जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) फ्रांस के दौरे पर जाएंगे. इसी दौरान राफेल के टेल नंबर से जुड़ी रोचक जानकारी सामने आई है. टेल नंबर आरबी -01 का नाम भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया (RKS Bhadauria) के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने देश के सबसे बड़े रक्षा सौदे को अंतिम रूप देने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
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नेशनल डिफेंस अकादमी में अपने बैच के टॉपर रहे एयर मार्शल भदौरिया (RKS Bhadauria) ने 1980 में लड़ाकू विमान के पायलट के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की. अपने 39 साल के करियर में उन्हें 26 तरह के विमान उड़ाने का अनुभव है. भदौरिया को परम विशष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और वायुसेना मेडल जैसे कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है. वायुसेना के बेहतरीन पायलटों में शुमार एयर मार्शल भदौरिया टेस्ट पायलट भी रहे हैं. उन्हें 4250 घंटे उड़ान का अनुभव भी है.
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बौर्डिओक्स में जब राफेल (Rafale) को भारतीय वायुसेना के अधिकारियों को सौंपा गया तब डिप्टी चीफ एयर मार्शल वीआर चौधरी ने लगभग एक घंटे तक राफेल से उड़ान भरी. बता दें कि कि भारत ने फ्रांस के साथ 2016 में 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए अंतर सरकारी समझौता किया था. इन विमानों की लागत 58,000 करोड़ रुपये के करीब है. भारतीय वायुसेना को सभी 36 राफेल लड़ाकू विमान 2020 तक सौंप दिए जाएंगे. भारतीय वायुसेना पहले ही राफेल विमानों को शामिल करने के लिए जरूरी तैयारियां और ट्रेनिंग प्रोग्रम पूरा कर चुकी है.
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