नई दिल्ली:
शनिवार को देश की राजधानी दिल्ली छात्रों के प्रदर्शनों का दौर जारी रहा. एक तरफ़ जहां छात्र सीबीएसई मुख्यालय के सामने पेपर लीक होने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करते दिखे वहीं दूसरी तरफ़ SSC की परीक्षाओं में हुई धांधली के ख़िलाफ़ छात्र संसद मार्ग में प्रदर्शन किया जिन्हें हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया. कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के उम्मीदवारों ने एसएससी का पर्चा कथित रूप से लीक होने की सीबीआई से जांच करने की मांग को लेकर शनिवार को लुटियंस दिल्ली में प्रदर्शन किया और उनकी पुलिस से झड़प भी हुई. उच्चतम न्यायालय की निगरानी में सीबीआई से मामले की जांच कराने की मांग करते हुए सैकड़ों एसएससी उम्मीदवारों ने जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार पर परीक्षा पत्र के कथित तौर पर लीक होने से रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया.
प्रदर्शनकारियों ने देश के शिक्षित युवाओं के लिए पर्याप्त नौकरियों की भी मांग की. प्रदर्शनकारियों ने संबंधित अधिकारियों को अपनी मांगों को लेकर लिखित आश्वासन के लिए दोपहर तीन बजे तक का समय देते हुआ कहा था कि वे कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) कार्यालय की तरफ मार्च करेंगे. इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस एवं सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे और प्रदर्शनकारियों को डीओपीटी कार्यालय की तरफ बढ़ने पर हिरासत में लिया गया. हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.
एसएससी परीक्षार्थियों की एक समिति ने बयान में कहा कि सीपी की ओर मार्च कर रहे समूह पर दिल्ली पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उनसे हाथापाई भी की. बहरहाल, पुलिस ने बल का इस्तेमाल किए जाने की बात को इनकार किया और कहा कि प्रदर्शनकारी के साथ ‘संयम’ एवं ‘पेशेवर’ तरीके से निपटा गया. समिति ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि कुछ परीक्षार्थी घायल हुए और कुछ बेहोश भी हो गए. इसने कहा है कि अगर सरकार प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांगों को पूरा नहीं कर सकती तो कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. बयान में कहा गया कि मांगे पूरी न होने तक अभियान जारी रहेगा.
जैसे ही प्रदर्शनकारी विद्यार्थी संसद की ओर बढ़ने लगे, पुलिस ने उन्हें रोक लिया. लेकिन जैसे ही इनलोगों ने वहां बैरिकेड को तोड़ा, पुलिस ने विद्यार्थियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया. बाद में, प्रदर्शनकारी कनॉट प्लेस में इकट्ठे हुए और वहां पुलिस व त्वरित कार्रवाई बल की मौजूदगी में रैली निकाली. पुलिस ने बाद में इनमें से कुछ को हिरासत में ले लिया.
VIDEO: दिल्ली में SSC पेपर लीक गैंग का भंडाफोड़, 6 गिरफ्तार
हालात देखकर लगता है कि सरकार को सोचना पड़ेगा कि जिन छात्रों की ऊर्जा पढ़ लिख कर देश के विकास के काम आनी चाहिए थी वो किस तरह से ऐसे प्रदर्शनों में ज़ाया हो रही है. जिन बच्चों के हाथों में किताबें होनी चाहिए थीं वो किस तरह से लाठी खाने को मजबूर हो रहे हैं. वाकई में ये तस्वीरें देख यही लगता है कि पूरा शिक्षा तंत्र पंगू हो चुका है.
प्रदर्शनकारियों ने देश के शिक्षित युवाओं के लिए पर्याप्त नौकरियों की भी मांग की. प्रदर्शनकारियों ने संबंधित अधिकारियों को अपनी मांगों को लेकर लिखित आश्वासन के लिए दोपहर तीन बजे तक का समय देते हुआ कहा था कि वे कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) कार्यालय की तरफ मार्च करेंगे. इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस एवं सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे और प्रदर्शनकारियों को डीओपीटी कार्यालय की तरफ बढ़ने पर हिरासत में लिया गया. हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.
एसएससी परीक्षार्थियों की एक समिति ने बयान में कहा कि सीपी की ओर मार्च कर रहे समूह पर दिल्ली पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उनसे हाथापाई भी की. बहरहाल, पुलिस ने बल का इस्तेमाल किए जाने की बात को इनकार किया और कहा कि प्रदर्शनकारी के साथ ‘संयम’ एवं ‘पेशेवर’ तरीके से निपटा गया. समिति ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि कुछ परीक्षार्थी घायल हुए और कुछ बेहोश भी हो गए. इसने कहा है कि अगर सरकार प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांगों को पूरा नहीं कर सकती तो कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. बयान में कहा गया कि मांगे पूरी न होने तक अभियान जारी रहेगा.
जैसे ही प्रदर्शनकारी विद्यार्थी संसद की ओर बढ़ने लगे, पुलिस ने उन्हें रोक लिया. लेकिन जैसे ही इनलोगों ने वहां बैरिकेड को तोड़ा, पुलिस ने विद्यार्थियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया. बाद में, प्रदर्शनकारी कनॉट प्लेस में इकट्ठे हुए और वहां पुलिस व त्वरित कार्रवाई बल की मौजूदगी में रैली निकाली. पुलिस ने बाद में इनमें से कुछ को हिरासत में ले लिया.
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हालात देखकर लगता है कि सरकार को सोचना पड़ेगा कि जिन छात्रों की ऊर्जा पढ़ लिख कर देश के विकास के काम आनी चाहिए थी वो किस तरह से ऐसे प्रदर्शनों में ज़ाया हो रही है. जिन बच्चों के हाथों में किताबें होनी चाहिए थीं वो किस तरह से लाठी खाने को मजबूर हो रहे हैं. वाकई में ये तस्वीरें देख यही लगता है कि पूरा शिक्षा तंत्र पंगू हो चुका है.
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