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This Article is From Jun 28, 2013

चुनाव में करोड़ों के खर्चे की बात कह फंसे मुंडे, पाटिल ने की कार्रवाई की मांग

चुनाव में करोड़ों के खर्चे की बात कह फंसे मुंडे, पाटिल ने की कार्रवाई की मांग
मुंबई: वरिष्ठ भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे ने यह दावा कर कि उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनावों में आठ करोड़ रुपये खर्च किए थे, एक विवाद को जन्म दे दिया है और महाराष्ट्र के गृहमंत्री आरआर पाटिल ने चुनाव आयोग से मामले पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने की मांग की है।

लोकसभा में भाजपा के उपनेता मुंडे ने गुरुवार को एक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में कहा कि उन्होंने वर्ष 1980 में हुए चुनावों में जहां मात्र 29 हजार रुपये खर्च किए थे वहीं वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में उन्हें आठ करोड़ रुपये खर्च करने पड़े थे।

उन्होंने कहा कि चुनावों में निर्धारित व्यय की सीमा से कहीं अधिक खर्च होता है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि समारोह में चुनाव आयोग का कोई अधिकारी मौजूद है लेकिन अगर है भी तो अब अगले लोकसभा चुनावों में मात्र छह माह का समय रह गया है। अगर कोई मामला दर्ज भी किया जाता है तो होने दीजिए।

मुंडे ने कहा कि केवल सरकार के वित्त पोषण से ही चुनावों में काले धन का उपयोग रोका जा सकता है।

मुंडे की इस टिप्पणी पर संज्ञान लेते हुए पाटिल ने मांग की कि चुनाव आयोग इस पर संज्ञान ले और यह निर्णय करे कि ऐसा उम्मीदवार भविष्य में चुनाव लड़ सकता है या नहीं।

केन्द्रीय विधि मंत्रालय ने फरवरी 2011 में लोकसभा चुनाव खर्च की सीमा 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी थी।

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