कर्नाटक के स्कूलों में मासूम बच्चों के खिलाफ बढ़ते यौन अपराधों को रोकने के मकसद से एक ख़ास टास्क फोर्स कर्नाटक में अगले दो-तीन दिनों में तैयार हो जाएगा। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारामैया ने कहा कि शिक्षा महिला और बाल विकास मंत्रालय, पुलिस, सूचना और ट्रांसपोर्ट विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में एक टास्क फोर्स हम तैयार करने जा रहे है।
ये टास्क फोर्स स्कूल में बच्चों की हिफाज़त के लिए दिशा-निर्देश तय करेगा। इसका प्रमुख एडिशनल चीफ सेक्रेटरी स्तर का अधिकारी होगा। इससे पहले कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 7 नवम्बर तक एक हाई पॉवर समिति के गठन का आदेश दिया था। साथ ही ये भी कहा था कि स्कूल जाने वाले बच्चों की हिफाज़त को लेकर सरकार ज़रूरत के मुताबिक गंभीर नहीं दिख रही है।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ़ कहा है कि ये समिति जो दिशा-निर्देश तैयार करेगी उसे कर्नाटक के सभी नगरपालिका के तहत आने वाले शहरों के स्कूलों में लागू किया जाएगा, चाहे स्कूल निजी हों, सरकारी या सरकार से अनुदान प्राप्त हों।
हाल ही में बेंगलुरु में मासूम बच्चों के साथ स्कूलों में यौनाचार के तीन मामले सामने आए हैं। मामला जब हाईकोर्ट पहुंचा तो पुलिस ने अपनी तरफ से दिशा-निर्देश तैयार किए, लेकिन कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं था।
प्रशासन के ढीले-ढाले रवैये से लोगों में आक्रोश तेज़ी से बढ़ रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि हाईकोर्ट की दखलंदाजी के बाद एक ऐसी व्यवस्था बन पाएगी जिसके बाद बच्चे स्कूलों में सुरक्षित रह पाएंगे।
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