सचिन तेंदुलकर और रेखा.
नई दिल्ली:
पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और अभिनेत्री रेखा राज्यसभा के मनोनीत सदस्य हैं और वो राज्यसभा में कई दिनों से नहीं आ रहे हैं. इस मामले में राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने एक बार फिर सवाल उठाया है. नरेश अग्रवाल ने कहा कि अगर सचिन तेंदुलकर और रेखा सदन में नहीं आ रहे हैं तो उन्हें क्यों नहीं निकाल दिया जाता. बता दें कि पहले भी नरेश अग्रवाल यही मांग कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि इसका मतलब है कि वो गंभीर नहीं हैं. तब उन्होंने दोनों से इस्तीफ़ा मांगा था.
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने आज एक बार फिर सदन में यह मुद्दा उठाया और कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत राज्यसभा में 12 सदस्य मनोनीत किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि क्रिकेट और फिल्म सहित विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को मनोनीत किया जाता है. लेकिन ऐसे कई सदस्य सदन में नहीं आ रहे हैं.
आज सदन में नरेश अग्रवाल के इस बयान के बाद सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि वे तो मनोनीत सदस्य हैं, किसी पार्टी के सदस्य नहीं है. जो पार्टी के सदस्य हैं और व्हिप के बाद भी नहीं आते हैं, ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
VIDEO : सपा नेता ने की तेंदुलकर-रेखा की सदस्यता रद्द करने की मांग
इससे पहले अग्रवाल ने कहा था कि इसका मतलब यह हो सकता है कि उनकी रुचि इसमें नहीं है, और अगर उनकी रुचि नहीं है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. अग्रवाल ने व्यवस्था के प्रश्न के तहत यह मुद्दा उठाया. लेकिन उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि यह व्यवस्था का प्रश्न नहीं है और सदस्य उन लोगों को सदन में आने के लिए कह सकते हैं. इस पर अग्रवाल ने कहा कि अगर आसन का ऐसा सुझाव है तो वह सदस्यों को इस मुद्दे पर पत्र लिखेंगे.
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने आज एक बार फिर सदन में यह मुद्दा उठाया और कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत राज्यसभा में 12 सदस्य मनोनीत किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि क्रिकेट और फिल्म सहित विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को मनोनीत किया जाता है. लेकिन ऐसे कई सदस्य सदन में नहीं आ रहे हैं.
आज सदन में नरेश अग्रवाल के इस बयान के बाद सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि वे तो मनोनीत सदस्य हैं, किसी पार्टी के सदस्य नहीं है. जो पार्टी के सदस्य हैं और व्हिप के बाद भी नहीं आते हैं, ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
VIDEO : सपा नेता ने की तेंदुलकर-रेखा की सदस्यता रद्द करने की मांग
इससे पहले अग्रवाल ने कहा था कि इसका मतलब यह हो सकता है कि उनकी रुचि इसमें नहीं है, और अगर उनकी रुचि नहीं है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. अग्रवाल ने व्यवस्था के प्रश्न के तहत यह मुद्दा उठाया. लेकिन उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि यह व्यवस्था का प्रश्न नहीं है और सदस्य उन लोगों को सदन में आने के लिए कह सकते हैं. इस पर अग्रवाल ने कहा कि अगर आसन का ऐसा सुझाव है तो वह सदस्यों को इस मुद्दे पर पत्र लिखेंगे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं