नई दिल्ली:
इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल पर बयान देने वाले कमाल फारूकी को समाजवादी पार्टी ने सचिव पद से हटा दिया है।
दरअसल, समाजवादी पार्टी नेता कमाल फारूकी ने अपनी टिप्पणी में यह सवाल कर इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल की गिरफ्तारी पर विवाद पैदा कर दिया था कि क्या यह गिरफ्तारी अपराध के आधार पर हुई या धर्म के आधार पर।
सपा नेता ने सवाल किया था कि क्या यह गिरफ्तारी अपराध के आधार पर है या धर्म के आधार पर। उन्होंने कहा, अगर वह एक आतंकवादी है तो उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए, लेकिन अगर उसे महज मुसलमान होने की वजह से गिरफ्तार किया गया है तो सतर्कता बरती जानी चाहिए, क्योंकि हम समूचे समुदाय को यह गलत संदेश नहीं भेजना चाहते कि हम बिना किसी गहन जांच के समुदाय की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। फारूकी ने कहा था कि अगर भटकल की धार्मिक आस्था के चलते उसे गिरफ्तार किया गया है तो यह देश के लिए नुकसानदेह होगा।
सपा नेता ने कहा था कि तफ्तीश करने वालों को सच की तह में जाना चाहिए। मैं महसूस करता हूं कि इस मुद्दे पर वस्तुपरक जांच होनी।
उनके इस बयान की चारों तरफ आलोचना हुई जिसके बाद सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कमाल फारूकी के जवाब से पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि फारूकी पार्टी के प्रवक्ता नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है। यासीन आतंकवादी है और उसके साथ वैसा ही सुलूक होना चाहिए।
(इनपुट्स भाषा से भी)
दरअसल, समाजवादी पार्टी नेता कमाल फारूकी ने अपनी टिप्पणी में यह सवाल कर इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल की गिरफ्तारी पर विवाद पैदा कर दिया था कि क्या यह गिरफ्तारी अपराध के आधार पर हुई या धर्म के आधार पर।
सपा नेता ने सवाल किया था कि क्या यह गिरफ्तारी अपराध के आधार पर है या धर्म के आधार पर। उन्होंने कहा, अगर वह एक आतंकवादी है तो उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए, लेकिन अगर उसे महज मुसलमान होने की वजह से गिरफ्तार किया गया है तो सतर्कता बरती जानी चाहिए, क्योंकि हम समूचे समुदाय को यह गलत संदेश नहीं भेजना चाहते कि हम बिना किसी गहन जांच के समुदाय की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। फारूकी ने कहा था कि अगर भटकल की धार्मिक आस्था के चलते उसे गिरफ्तार किया गया है तो यह देश के लिए नुकसानदेह होगा।
सपा नेता ने कहा था कि तफ्तीश करने वालों को सच की तह में जाना चाहिए। मैं महसूस करता हूं कि इस मुद्दे पर वस्तुपरक जांच होनी।
उनके इस बयान की चारों तरफ आलोचना हुई जिसके बाद सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कमाल फारूकी के जवाब से पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि फारूकी पार्टी के प्रवक्ता नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है। यासीन आतंकवादी है और उसके साथ वैसा ही सुलूक होना चाहिए।
(इनपुट्स भाषा से भी)
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