कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन (Farmers Protest) के बीच देशभर के किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया है. इसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान समेत कई राज्यों के किसान संगठन शामिल हैं. कई राजनीतिक दलों ने भी इस बंद को समर्थन दिया है. इस बीच, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भाजपा (BJP) पर निशाना साधते हुए किसान यात्रा में शामिल होने की अपील की है. वहीं, अखिलेश की कन्नौज किसान यात्रा से पहले पार्टी दफ्तर के आसपास का इलाका सील कर दिया गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को ट्वीट किया, "क़दम-क़दम बढ़ाए जा, दंभ का सर झुकाए जा... ये जंग है ज़मीन की, अपनी जान भी लगाए जा." उन्होंने लोगों से 'किसान यात्रा' में शामिल होने की अपील की है.
क़दम-क़दम बढ़ाए जा, दंभ का सर झुकाए जा
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 7, 2020
ये जंग है ज़मीन की, अपनी जान भी लगाए जा
‘किसान-यात्रा' में शामिल हों! #नहीं_चाहिए_भाजपा
समाचार एजेंसी भाषा की खबर के मुताबिक, किसान यात्रा में शिरकत करने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के निकलने से ठीक पहले पुलिस ने सोमवार सुबह लखनऊ स्थित पार्टी दफ्तर के आसपास का इलाका अवरोधक लगाकर सील कर दिया. गौतम पल्ली थानाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि सपा मुखिया अखिलेश यादव का सोमवार को कन्नौज जाने का कार्यक्रम था, लेकिन वहां के जिलाधिकारी ने उनके कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी है, लिहाजा सपा दफ्तर की ओर जाने वाले विक्रमादित्य मार्ग के हिस्से को सील करने की कार्रवाई की गई है.
गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन और किसानों से जुड़ी अन्य समस्याओं को लेकर सपा सोमवार से पूरे प्रदेश में किसान यात्राएं शुरू कर रही है. इसके तहत अखिलेश का कन्नौज में आयोजित यात्रा में शिरकत करने का कार्यक्रम है. उनका ठठिया मंडी से तिर्वा के किसान बाजार तक 13 किलोमीटर की यात्रा का कार्यक्रम है.
राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी भारत बंद का समर्थन किया है. उन्होंने लिखा, "कृषि से सम्बंधित तीन नये कानूनों की वापसी को लेकर पूरे देश भर में किसान आन्दोलित हैं व उनके संगठनों ने दिनांक 8 दिसम्बर को ''भारत बंद'' का जो एलान किया है, बीएसपी उसका समर्थन करती है. साथ ही, केन्द्र से किसानों की मांगों को मानने की भी पुनः अपील करती है."
कृषि से सम्बंधित तीन नये कानूनों की वापसी को लेकर पूरे देश भर में किसान आन्दोलित हैं व उनके संगठनों ने दिनांक 8 दिसम्बर को ''भारत बंद'' का जो एलान किया है, बी.एस.पी उसका समर्थन करती है। साथ ही, केन्द्र से किसानों की माँगों को मानने की भी पुनः अपील।
— Mayawati (@Mayawati) December 7, 2020
ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी के बैनर तले बुलाए गए भारत बंद में देशभर के 400 से ज्यादा किसान संगठन शामिल हैं. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल, राजद, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा), सपा और बसपा ने भी भारत बंद का समर्थन किया है. लेफ्ट पार्टियों में सीपीआई, सीपीआईएम, सीपीआई (एमएल), RSP और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने भी बंद का समर्थन किया है.
(भाषा के इनपुट के साथ)
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